- 10 दिन में सेल

- रिटर्न समझ ना पाने से व्यापारी ले रहे वकील और एक्सपर्ट की सहायता

- रजिस्ट्रेशन से लेकर टैक्स निर्धारण करने तक में परेशान हो रहे हैं व्यापारी

LUCKNOW:

गुड्स एंड सर्विस टैक्स (जीएसटी) को लेकर व्यापारियों में असमंजस कि स्थिति है। जीएसटी की पहेली को समझने के लिए व्यापारी उन फर्मो के चक्कर लगाने को मजबूर हैं, जो रिटर्न दाखिल करने में एक्सपर्ट हैं। इससे चार्टर्ड अकाउंटेंट के पास काम बढ़ गया है। वहीं सेल टैक्स के वकील भी इस काम के लिए मनचाही फीस ले रहे हैं। व्यापारियों की माने तो वे अब तक रिटर्न दाखिल करने के लिए आने वाले कागज के फॉर्म के बारे में जानते थे, लेकिन अब सब कुछ ऑनलाइन है, जिसकी जानकारी व्यापारियों के पास नहीं है। इसलिए वे दूसरों पर निर्भर हैं। ऐसे में दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने शहर के व्यापारियों से जीएसटी को लेकर आ रही समस्याओं पर बात की, तो इस तरह की समस्याएं सामने आई

जीएसटी ने छीन ली आजादी

रिटर्न दाखिल करने का चक्कर ऐसा है कि व्यापारी हमेशा इसमें ही व्यस्त रहेगा। पहले दस दिन में सेल, फिर दस दिन में खरीद और 30वें दिन रिटर्न दाखिल करो। ऐसे में अब लोगों के पास वक्त खत्म हो गया है। मांग की गई है कि इसके लिए एक दिन या दो दिन का समय निश्चित किया जाए। इसके बाद रिटर्न ना फाइल करने वालों पर जुर्माना लगे।

कैलाश चंद्र जैन

चौक सराफा, कारोबारी

बढ़ानी पड़ रही है डेट

44 लाख लोगों ने जीएसटी ऑल वन दाखिल कर दिया है। लेकिन जब जीएसटी ऑल टू दाखिल करते हैं तो एफ सिस्टम फेलियर बता देता है। हालांकि इसके लिए अब डेट 31 दिसंबर तक बढ़ा दी गई है।

संजय गुप्ता, व्यापारी

मोटी फीस देने को मजबूर

पोर्टल कई-कई घंटे नहीं खुलता। रिटर्न दाखिल करने के लिए निर्धारित डेट के बाद जुर्माने का प्रावधान है। व्यापारी के पास एक ही काम नहीं है कि वह कई दिनों तक पोर्टल खुलने का इंतजार करे। ऐसे में चार्टर्ड अकाउंटेंट और वकील से यह काम कराना पड़ता है। वे इस काम के लिए 3000 रुपए तक चार्ज करते हैं।

देवेन्द्र गुप्ता, व्यापारी, इंदिरा नगर

पोर्टल नहीं समझ पा रहे व्यापारी

रिर्टन दाखिल करते समय समिट का आप्शन आता है। समिट होते ही व्यापारी समझते हैं कि रिटर्न दाखिल हो गया। जबकि इसके बाद इंटर और फिनिश के दो अन्य फंक्शन हैं। इन्हें क्लिक करने पर ही काम पूरा होता है।

अनूप पाठक, व्यापारी,

पोर्टल की समस्या को सॉल्व करने के लिए कमेटी बनी है। जो लगातार व्यापारियों की समस्या के समाधान में लगी है। रही बात दस-दस दिन का समय दिए जाने की तो इससे व्यापारियों को ही आसानी होगी। वह अंत में आसानी से रिटर्न दाखिल कर सकते हैं। अभी समस्या सामने आ रही है लेनिक जल्द ही सब ठीक हो जाएगा। जिन जगहों पर रिटर्न दाखिल करने में समस्या आ रही है, वहां डेट आगे बढ़ाई जा रही है।

बीडी द्विवेदी

एडीशनल कमिश्नर, व्यापार कर

किस माह में कितने रिटर्न

जुलाई 56 लाख

अगस्त 53 लाख

सितंबर 47 लाख

अपनी आईडी ही नहीं पता

अधिकांश व्यापारियों को रिटर्न दाखिल करने के लिए अपनी आईडी का ही पता नहीं है। जिनको आइडी पता है तो उन्हें पासवर्ड पता नहीं है। इसका कारण है कि सेल टैक्स के वकीलों के माध्यम से अधिकांश लोगों ने रजिस्ट्रेशन कराया है। रजिस्ट्रेशन के लिए उन्होंने अपने ही मोबाइल नंबर डाल दिए हैं। ऐसे में पास वर्ड या अन्य जानकारी एसएमएस से व्यापारियों को भेजी जाती है तो वह वकीलों के पास पहुंच रही है। उनके ही नंबर से फर्मे पोर्टल में दर्ज है। लेकिन व्यापारी अपनी आईडी वकील से लेकर पोर्टल में जाकर पासवर्ड बदल भी सकते हैं। इसका आप्शन उसमें दिया है। लेकिन अधिकांश व्यापारी वकील और चार्टर्ड अकाउंटेंट पर आश्रित हो चुके हैं।