- वित्तीय अनियमितताओं को रोकने के लिए सीएसए वीसी ने शुरू किया काम

- सोमवार को जारी करेंगे इस संबंध में जीओ कर देंगे

KANPUR: चन्द्रशेखर आजाद एग्रीकल्चर एंड टेक्निकल यूनिवर्सिटी में वित्तीय अनियमितताओं को रोकने की कवायद यूनिवर्सिटी प्रशासन ने शुरू कर दी है। बिना कमेटी के सामने पेश हुए और इंटरव्यू दिए बिना रिसर्च अस्सिटेंट से प्रोफेसर बनने का मामला सामने आने के बाद वीसी ने फाइनेंस कंट््रोलर के साथ मिलकर काम शुरू कर दिया है। सोमवार को इस संबंध में एक जीओ भी जारी कर दिया जाएगा। सीएसए में नियुक्तियों में फर्जीवाड़ा काफी टाइम से चल रहा है। सीएसए में सेलेक्शन प्रॉसेस क्99ख् में पूरा किया गया था लेकिन इस प्रक्रिया का सहार लेकर वेटिंग लिस्ट वाले भी असिस्टेंट प्रोफेसर बनने में सफल रहे।

जांच फिर फाइल को ग्रीन सिग्नल

सीएसए में एजीपी और कमेटी के नाम पर पे स्केल में किए गए खिलवाड़ के बाद सीएसए एडमिनिस्ट्रेशन एक्शन मोड में आ गया है। फाइनेंस कंट्रोलर ने बताया कि जीओ बनाने की दिशा में काम शुरू कर दिया गया है। अब पे स्केल संबंधित कोई भी फाइल आएगी तो उसे नियमों की कसौटी पर कसा जाएगा। जब तक पूरी तरह से उसकी जांच पड़ताल ऑफिसर्स नहीं कर लेंगे उस फाइल को वित्तीय मंजूरी नहीं मिलेगी।

फिर उड़ाई नियमों की धज्जियां

यूनिवर्सिटी सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पूर्व कुलपति उदय वीर सिंह के कार्यकाल में सीएएस में फैकल्टी की चयन प्रक्रिया पूरी की गई थी। अहम बात यह थी कि यहां भी वेटिंग लिस्ट के नाम पर फर्जीवाड़ा किया गया। सीएसए में जिनका चयन हुआ उन्होंने ज्वाइन किया और कुछ महीने के बाद छोड़कर वापस चले गए। उनके जाने के बाद वेटिंग लिस्ट में जो लोग थे उन्हें ज्वाइन करा दिया गया। वेटिंग लिस्ट में जिनका नाम टॉप पर था उसे भनक भी नहीं लगी। ज्वाइन तीसरे या फिर चौथे नंबर वाले कैंडीडेट को कराया गया। यह नियम के विपरीत है। ज्वाइन कराने का यह खेल करीब क्फ् साल तक चलता रहा। इस तरह के खेल में क्ख् लोग अब तक फायदा उठा चुके हैं।

चांसलर ने बर्खास्त किया था

सीएसए यूनिवर्सिटी के तात्कालिक चांसलर रहे सूरजभान के पास जब नियुक्तियों में गड़बड़ी की शिकायत पहुंची तो उन्होंने पूरा प्रकरण तलब कर लिया था। सीएसए के क्म् लोगों का मामला राजभवन में फंस गया था। जिस पर राजभवन ने धारा ख्फ् का अनुपालन करते हुए इन सभी क्म् लोगों को तत्काल प्रभाव से बर्खास्त कर दिया था। आखिरकार इन लोगों ने कोर्ट की शरण ली जहां से इन्हें स्टे मिल गया। यानि इन सभी को असिस्टेंट प्रोफेसर की पोस्ट पर रहना चाहिए था लेकिन जुगाड़ और सेटिंग कर ये लोग प्रोफेसर और डीन तक बन गए थे। इनमें से कुछ तो अब रिटायर भी हो गए हैं।

वर्जन

अब चन्द्रशेखर आजाद एग्रीकल्चर एण्ड टेक्निकल यूनिवर्सिटी में अगर किसी को पे स्केल मिलेगा तो उसकी फाइल की पूरी तहकीकात की जाएगी। गवर्नमेंट ना‌र्म्स का अनुपालन कराया जाएगा। इस संदर्भ में सोमवार को जीओ जारी कर दिया जाएगा।

प्रो। मुन्ना सिंह, वाइस चांसलर