आर्मी जवान
जी हां बीएसएफ के जवान, फिर सीआरपीएफ के जवान अब आर्मी के जवान लांस नायक यज्ञप्रताप सिंह ने एक वीडियो के जरिए अफसरों पर आरोप लगाया है। वह देहरादून की 42 इन्फैंट्री ब्रिगेड में तैनात हैं। उनका कहना है कि अफसर जवानों से जूते पालिस कराते हैं। इतना ही नहीं अफसर जवानों से अपने कुत्तों को घुमाने के लिए कहते हैं। ऐसे में जो भी इससे इंकार कर देता है वह संकट में आ जाता है। उन्होंने इसके लिए प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर यहां के हालातों से रूबरू कराने की कोशिश की तो उनके खिलाफ एक्शन ले लिया गया। जब कि उन्होंने अपने पत्र में बस यहां के हलातों की सच्चाई लिखी थी। ऐसे में पत्र लिखने के बाद उनका ट्रांसफर कर दिया गया। इसके अलावा उन्हें कोर्ट मार्शल के लिए बुलाया गया है।
शिकायत पेटी
वहीं इस जवान का वीडियो सामने आने के बाद सेनाध्यक्ष विपिन रावत ने इस पूरे मामले को संज्ञान लिया है। उन्होंने इसके लिए एक प्रेस कांफ्रेंस आयोजित की। जिसमें कहना है कि जवान सोशल मीडिया पर कोई वीडियो न शेयर करें। जिन जवानों को शिकायत है वे सीधे उनसे आकर मिलें। इसके साथ ही जो जवान सीधे नहीं मिलना चाहते हैं उनकी सुविधा के लिए आर्मी हेडक्वॉर्टर पर अब शिकायत पेटी लगाई जाएगी। जिसमें जवान अपनी शिकायत लिखकर डाल सकते हैं। वे खुद ही उस पेटी को खोलकर निकालेंगे। जिससे उस जवान को कोई समस्या नहीं होगी। उनका कनहा है कि वह खुद मानते हैं कि जवानों की कम्युनिकेशन का ब्रेक डाउन नहीं होना चाहिए। दुश्मनों को पानी पिलाने समुद्र में उतरा खांदेरी, जानें कैसे बढ़ाएगा भारतीय नौसेना की ताकत
बीएसएफ जवान
बतादें कि हाल ही में बीएसएफ के जवान तेज बहादुर यादव ने शिकायत शुरू की थी। उन्होंने वीडियो शेयर जम्मू-कश्मीर में BSF की 29 बटालियन के जवान इस जवान केशिकायती वीडियो काफी तेजी से वायरल हुए थे। उनका कहना था कि कि बॉर्डर पर जवानों की हालत काफी दयनीय है। सभी जवान सुबह 6 बजे से शाम को पांच बजे तक बर्फ में 11 घंटे तक खड़े होकर ड्यूटी करते हैं। यहां पर तैनात जवानों को ठीक से खाना तक नहीं दिया जाता। नाश्ते में सुबह एक पराठा मिलता है। इसे अलाव जली सी रोटियां व हल्दी नमक वाली दाल दी जाती है। खाने में दही अचार भी नहीं मिलता है। इन हालातों को न तो कोई मीडिया दिखा रही है न कोई मंत्री उन चीजों को देख पा रहा है।
वीडियो में छलका बीएसएफ जवान का दर्द, जागा अमला
सीआरपीएफ जवान
इसके बाद दो दिन पहले सीआरपीएफ जवान जीत सिंह का वीडियो भी सामने आया। इसमें उनका कहना था कि सेना और सीआरपीएफ के कार्य एक समान हैं, लेकिन सुविधाओं में बहुत अंतर है। उन लोगों को सेना के जवानों की तरह सुविधाएं, पेंशन, मेडिकल सर्विस और एक्स सर्विसमैन का कोटा नही मिलता है। उन लोगों को समय पर छुट्टियां भी नहीं मिलतीं। जिससे उन लोगों को काफी परेशानी होती है। इसके अधिकतर उन लोगों की तैनाती और जंगलों और कश्मीर की घाटियों में लगाई जाती है। जीत सिंह ने उस वीडियो में लोगों से अपील भी कि इसे इतना वायरल करें कि यह मैसेज देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक पहुंच जाए। जिससे शायद उन लोगों की समस्याओं का निवारण हो सके।
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