RANCHI : झारखंड में फिल्म निर्माण कंपनियों के द्वारा लोकल कलाकारों तथा अन्य सहयोगी संस्थाओ से काम कराकर भुगतान नही करने के खुलासे के बाद फिल्म विकास एवं तकनीकी सलाहकार समिति ने फिल्म निर्माण कंपनियों पर शिकंजा कसने की कवायद शुरू कर दी है। समिति के सदस्यों ने एक मत यह निर्णय लिया है कि जब तक फिल्म निर्माण कंपनियां झारखंड के लोकल कलाकारो तथा अन्य सदस्यों के बकाए का भुगतान नही करती है, तबतक उन्हें दी जाने वाली सब्सिडी की राशि नहीं दी जाएगी। उल्लेखनीय है कि दैनिक जागरण आइनेकस्ट ने फि़ल्म निर्माण कम्पनियों के द्वारा सब्सिडी के लिए किए जा रहे घोटाले का पर्दाफाश करते हुए स्थानीय कलाकारों के शोषण किये जाने का खुलासा किया है। इस संबंध में जल्द ही आवश्यक प्रस्ताव बना कर उसे सरकार के पास स्वीकृति कर फि़ल्म पालिसी में संसोधन की प्रक्त्रिया की जाएगी।

देना होगा एनओसी

समिति के सदस्यों ने बताया कि अब फिल्म निर्माण कंपनियों को फिल्म की स्क्रीनिंग से पहले लोकल आर्टिस्ट, लोकेशन, होटल बिल, लाइट, साउंड आदि अन्य स्थानीय सुविधाओं का पूरा बिल देते हुए सभी का एनओसी देना होगा। साथ ही कंपनियों को अपना बैंक खाता के साथ सारा डीसबरसमेन्ट भी दिखाना होगा तभी उनके फिल्मो की स्क्रीनिंग सलाहकार समिति के द्वारा की जाएगी। इस स्क्त्रीनिंग के बाद ही फिल्म को मिलने वाली राशि का निर्धारण कर सब्सिडी भुगतान की जाती है।

भत्ता निर्धारण व रजिस्ट्रेशन जल्द

झारखण्ड के कलाकारों के न्यूनतम भत्ता निर्धारण और स्थानीय कलाकारों को एक मंच पर लाने के लिए रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया भी जल्द शुरू की जाएगी। कलाकारों का उम्र, अनुभव, योग्यता और प्रतिभा के अनुसार ग्रेडिंग होगा व उस हिसाब से न्यूनतम भत्ता तय किया जाएगा। इस बाबत कलाकारों द्वारा जल्द ही एक एसोसिएशन बनाकर रजिस्ट्रेशन का काम शुरु किया जाएगा। हालांकि झारखण्ड आर्टिस्ट एसोसिएशन भी रजिस्टर्ड संस्था है और काफी दिनों से इस क्षेत्र में काम भी कर रही है।

कलाकारो में उल्लास ,मिलेगा अब हक

संस्था के इस फैसले के बाद कलाकारों में काफी उल्लास है। उन्होने कहा कि दैनिक जागरण आईनेक्स्ट ने उनके हक की लड़ाई लड़ी है। कलाकारों का कहना है लोकल आर्टिस्ट के साथ फिल्म निर्माण कंपनियों का एग्रीमेंट होना चाहिए।