RANCHI: हथियार डाल कर डीजीपी के गले से लिपट गया मोस्ट वांटेड। जी हां, ख्भ् लाख के ईनामी नक्सली बड़ा विकास उर्फ बालेश्वर उरांव उर्फ विनय उरांव ने गुरुवार को पुलिस मुख्यालय में डीजीपी डीके पांडेय के समक्ष सरेंडर कर दिया। माओवादी संगठन के बिहार-झारखंड स्पेशल टीम के सैक(स्पेशल एरिया कमिटी) मेंबर इस नक्सली बड़ा विकास की तलाश चार राज्यों की पुलिस को थी। इस पर लातेहार में फ्7, गढ़वा में क्7 व छत्तीसगढ़ में ख्ख् मामले दर्ज हैं। बड़ा विकास लैंडमाइंस व पल भर में बम बनाने और पुलिस पार्टी पर हमला करने में माहिर रहा है। संगठन में यह अपना टारगेट पूरा करने के लिए जाना जाता रहा है। बड़ा विकास केसरेंडर करने से भाकपा माओवादी संगठन को बड़ा झटका लगा है।

संगठन का थिंक टैंक था बड़ा विकास

डीजीपी ने बताया कि बड़ा विकास नक्सलियों के शीर्ष नेता अरविंद जी का दाहिना हाथ है। अरविंद जी, सुधाकर रेड्डी के बाद बालकेश्वर का संगठन में तीसरा मुख्य पद था। इसके नीचे दर्जनों एरिया कमांडर थे, जो इसके आदेश का पालन करते थे। इसे भाकपा माओवादी संगठन का थिंक टैंक कहा जाता है।

मदन पाल, राजेंद्र नायक ले गए थे दस्ता में

मूल रूप से लातेहार जिले के मनिका थाना क्षेत्र के डोका गांव निवासी बालकेश्वर उरांव को क्99भ्-9म् में नक्सली मदन पाल, राजेंद्र नायक द्वारा दस्ता में ले जाया गया था। फ्ख् वर्षीय बालकेश्वर उरांव ने अपनी जवानी नक्सली दस्ते के साथ बिताई। इस दौरान न तो वह कभी घर आया और न ही परिजनों से मिला। वह सिर्फ संगठन के लिए ही काम करता। समय के साथ-साथ संगठन में इसका कद बढ़ता गया। इस प्रकार वह भाकपा माओवादी बिहार-झारखंड, उत्तरी छत्तीसगढ़ स्पेशल एरिया कमिटी का सदस्य बन गया। बड़ा विकास उर्फ बालकेश्वर उरांव उर्फ विनय उरांव का कार्यक्षेत्र मनिका, बरवाडीह, छिपादोहर, गारू, बारेसांढ, महुआडांड़ आदि हो गया। फिर इसे बिहार और छत्तीसगढ़ की कमान सौंप दी गई।

भ्0-म्0 नक्सली छोड़ना चाह रहे अरविंद का दस्ता

मीडिया से मुखातिब होते हुए बड़ा विकास ने कहा कि आज नक्सली अपने सिद्धांत से भटक गए हैं। वे नीति और सिद्वांत से भटक कर भ्रष्टाचारी हो गए हैं। दलितों को संगठन में हीन भावना से देखा जा रहा है। उसने कहा कि अरविंद जी के दस्ते में अभी भ्0 से म्0 नक्सली शामिल हैं, जो संगठन छोड़ना चाहते हैं, लेकिन शीर्ष नेतृत्व के कारण संगठन नहीं छोड़ पा रहे हैं।

केस वापस लेने का अनुरोध करेंगे डीजीपी

सरेंडर करते वक्त डीजीपी डीके पांडेय ने बड़ा विकास का गले लगाकर स्वागत किया। कहा कि बड़ा विकास के सरेंडर करने से ऑपेरशन नई दिशा को बल मिला है। इसमें कई नामी-गिरामी नक्सलियों ने सरेंडर किया है। वहीं, इस साल सरकार ने क्ख् करोड़ रुपए सरेंडर पॉलिसी के तहत दिए थे। उम्मीद है कि आने वाले दिनों में झारखंड में कई नक्सली सरेंडर कर सकते हैं। डीजीपी ने कहा कि वे बड़ा विकास पर दर्ज मुकदमा वापस लेने के लिए सरकार से अनुरोध करेंगे, ताकि वह अपने परिवार के साथ रह सके।

मौके पर मुख्य रूप से हेडक्वार्टर में एडीजी एसएन प्रधान, अनुराग गुप्ता, रेजी डुंगडुंग, अजय भटनागर, एमएस भाटिया, पलामू रेंज के डीआईजी अखिलेश झा, सीआईडी आईजी संपत मीणा, रांची एसएसपी कुलदीप द्विवेदी, सीआरपीएफ डीआईजी राजीव राय, आईजी संजय लाटेकर, एडीजी अनिल पाल्टा व लातेहार के एसपी अनूप बिरथरे भी मौजूद थे।