-खुद को नीरज की दूसरी पत्‌नी बताने वाली मनोरमा शर्मा के बेटों व असल बेटे के बीच डेथ सर्टिफिकेट को लेकर एम्स में हुआ जमकर विवाद

-दिल्ली के सफदरजंग थाने में शिकायत के बाद पुलिस ने दिया दखल, तब जाकर सुलझा मामला

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LUCKNOW :'कारवां गुजर गया, गुबार देखते रहे' महाकवि गोपाल दास 'नीरज' की यह पंक्तियां निधन के बाद उनके परिजनों पर ही परिलक्षित होती दिखीं। अपने गीतों व कविताओं से लोगों के दिलों पर राज करने वाले महाकवि गोपाल दास 'नीरज' के निधन के बाद शुक्रवार को एम्स में जमकर हंगामा हुआ। दरअसल, नीरज के निधन के बाद हॉस्पिटल ने उनका डिस्चार्ज स्लिप व डेथ सर्टिफिकेट खुद को उनका बेटा बताने वाले दो भाइयों को दे दिया। असल बेटे मिलन प्रभात को यह बात पता चली तो उन्होंने इसकी शिकायत दिल्ली पुलिस से की। एम्स में काफी देर तक चले हंगामे के बाद पुलिस ने दोनों पक्षों में समझौता कराकर डिस्चार्ज स्लिप, डेथ सर्टिफिकेट और शव उनके असल बेटे के सुपुर्द कराया। तब जाकर उनका शव हॉस्पिटल से रवाना किया गया।

निधन के बाद होने लगी तू-तू, मैं-मैं
हरिद्वार के रानीपुर निवासी मिलन प्रभात कवि गोपाल दास 'नीरज' व उनकी पत्‌नी सावित्री देवी के इकलौते बेटे हैं। प्रभात के मुताबिक, बीती 19 जुलाई की शाम 7.30 बजे एम्स में उनके पिता गोपाल दास नीरज का निधन हो गया। जिसके बाद उनके शव को मच्र्युरी में रखवा दिया गया। पर, निधन के बाद डिस्चार्ज स्लिप व डेथ सर्टिफिकेट खुद को गोपाल दास नीरज की दूसरी पत्‌नी बताने वाली आगरा निवासी मनोरमा शर्मा के बेटों शशांक प्रभाकर व अरस्तु प्रभाकर ने ले लिया। इसे लेकर उनके बीच जमकर तकरार हुई। वे दोनों हॉस्पिटल से मिले दस्तावेज मिलन प्रभात को देने को राजी न थे।

पुलिस से मांगी मदद
हलकान मिलन प्रभात ने दिल्ली के सफदरजंग थाने में तहरीर देकर पुलिस की मदद मांगी। जिसके बाद मिलन के साथ एम्स पहुंची पुलिस के सामने भी शशांक व अरस्तु मिलन पर दबाव बना रहे थे कि पहले शव को आगरा ले जाया जाए, उसके बाद उनके पैतृक आवास अलीगढ़ ले जाया जाए। पुलिस की मौजूदगी में काफी देर तक चली बातचीत के बाद मिलन पिता गोपाल दास 'नीरज' का शव पहले आगरा ले जाने को लेकर राजी हो गए। जिसके बाद शशांक और प्रभाकर ने डिस्चार्ज स्लिप व डेथ सर्टिफिकेट मिलन प्रभात को सौंप दिये।

पैसे और रायल्टी पर विवाद
शनिवार को दैनिक जागरण आई नेक्स्ट से बातचीत में मिलन प्रभात ने बताया कि समझौते के मुताबिक शव को आगरा लाया गया। जहां कुछ देर ठहरने के बाद शव को अलीगढ़ ले जाया गया और उनका अंतिम संस्कार कर दिया गया। सूत्रों के मुताबिक, विवाद की वजह नीरज द्वारा छोड़ी गई प्रॉपर्टी, बैंक बैलेंस व उनकी रचनाओं की रायल्टी है।