ALLAHABAD: एससी/एसटी एक्ट का प्रस्ताव संसद में पारित होने के बाद सवर्ण और पिछड़ी जाति के लोग सड़क पर उतर आए हैं। वह सरकार से फैसला वापस लेने की मांग कर रहे हैं। आरोप-प्रत्यारोप के बीच ने कथावाचिका देवी निहारिका ने भी मोदी सरकार के निर्णय को अनुचित ठहराया है। कहा कि यह हिंदुओं को बांटने वाला प्रस्ताव है। इससे समाज दो वर्गो में बंट जाएगा। सवर्ण व पिछड़ी जाति के लोग अनुसूचित जाति से दूरी बना लेंगे। उन्होंने आरक्षण नीति का विरोध करते हुए कहा कि आरक्षण का पहला हकदार सेना के शहीद का परिवार है। शहीद चाहे जिस जाति-धर्म का हो, उसके बच्चों को सरकारी व गैर सरकारी संस्थानों में आरक्षण मिलना चाहिए, क्योंकि उसे उसकी सख्त जरूरत है। साथ ही आरक्षण व्यवस्था जाति नहीं, बल्कि आर्थिक आधार पर लागू होनी चाहिए। सवर्ण व पिछड़ी जाति में भी गरीब हैं जिन्हें दो वक्त की रोटी नसीब नहीं हो रही है। सरकार को उनकी भी चिंता करनी चाहिए। कहा कि अनुसूचित जाति में काफी आर्थिक संपन्न लोग हैं, उन्हें आरक्षण की क्या जरूरत है। आरक्षण देना है तो अनुसूचित जाति के गरीब व पिछड़े लोगों को दिया जाए। ऐसा करके समाज में समानता लायी जा सकेगी।