जलभराव और गंदगी से फैल रही बीमारी, हॉस्पिटल्स में तेजी से पहुंच रहे मरीज, गंदे पानी की सप्लाई बना कारण

ALLAHABAD: बारिश से पैदा हुए जलभराव और गंदगी से डायरिया तेजी से फैलने लगा है। शहर के तमाम इलाकों में उल्टी-दस्त के मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है। इसके चलते क्लीनिकों और हॉस्पिटल्स में भीड़ होने लगी है। डॉक्टर्स का कहना है कि इस मौसम में लापरवाही बरतना सेहत के लिए खतरनाक हो सकता है। खासकर महिलाओं और बच्चों को इस मौसम में होशियार रहना होगा। खानपान में सफाई का विशेष ध्यान रखना जरूरी है।

रोजाना भर्ती हो रहे दो दर्जन मरीज

शहर के बेली, कॉल्विन, चिल्ड्रेन और एसआरएन हॉस्पिटल में रोजाना उल्टी-दस्त और डायरिया के लगभग दो दर्जन मरीज भर्ती हो रहे हैं। इनमें बच्चों और महिलाओं की संख्या अधिक है। बारिश में जलभराव और गंदगी फैलने से संक्रमण तेजी से फैल रहा है। यह संक्रमण भोजन और पेयजल के लिए जरिए शरीर को प्रभावित कर रहा है। इसके अलावा हॉस्पिटल्स की ओपीडी में रोजाना डेढ़ से दो सौ मरीज दस्तक दे रहे हैं। शुरुआती लक्षणों वाले मरीजों को भर्ती करने के बजाय दवा देकर आराम दिया जा रहा है।

सेफ नही है पीने का पानी

बारिश के मौसम में पानी की सप्लाई को सेफ नही कहा जा सकता है। खासकर शहर के घने और निचले इलाकों में पीने का पानी बीमार बना रहा है। करेली, बेनीगंज, राजापुर, रसूलाबाद, दारागंज, कीडगंज, मुट्ठीगंज, शाहगंज, चौक, साउथ मलाका आदि इलाकों में जर्जर पाइप लाइनों के जरिए बारिश का दूषित जल घरों में पहुंच रहा है। इससे उल्टी-दस्त और डायरिया के मामले भी बढ़ रहे हैं। डॉक्टरों का कहना है कि पेयजल को सीधे इस्तेमाल करने के बजाय उसे उबालकर और छानकर उपयोग मे लाया जाना चाहिए।

इन लक्षणों से रहिए होशियार

- पेट में मरोड़ और दर्द होना।

- लगातार उल्टी और दस्त होना।

- एसिडिटी और गैस से परेशान।

- खाने की इच्छा नही होना।

- गले और सीने में जलन होना।

ऐसे होगा डायरिया से बचाव

- उबला और छाना गया पानी उपयोग में लाएं।

- चीनी और नमक का घोल लेना चाहिए।

- ओआरएस का पैकेट पानी में घोलकर मरीज को पिलाएं।

- बिना डॉक्टर की सलाह लिए कोई भी दवा न खाएं।

- बाजार में बिकने वाली तैलीय और तली चीजों का उपयोग न करें।

सफाई का रखिए विशेष ख्याल

बारिश में घर के भीतर या घर के आसपास गंदगी न फैलनें। साफ-सफाई का ख्याल रखा जाए। गंदगी पर मक्खियां बैठती हैं और फिर यही खानपान को दूषित करती हैं। इससे डायरिया के संक्रमण का खतरा होता है। डाक्टरों के मुताबिक छोटे बच्चों को जमीन पर पड़ी चीजे मुंह में नही डालने देना चाहिए। उनके दूध और दूसरी खाद्य वस्तुओं की सफाई का विशेष ध्यान रखना होगा।

इस मौसम में उल्टी-दस्त और डायरिया के मरीजों की संख्या बढ़ जाती है। सीरियस मरीजों को भर्ती करना पड़ता है। अगर साफ-सफाई का ध्यान रखा जाए तो डायरिया के संक्रमण से बचा जा सकता है।

डॉ। मनोज माथुर, फिजीशियन, एसआरएन हॉस्पिटल

समय रहते इलाज नही होने से डायरिया खतरनाक रूप धारण कर लेता है। इसलिए शुरुआत में अगर उल्टी-दस्त की लक्षण लगे तो तत्काल डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। ओआरएस का घोल लेने से काफी आराम मिलता है।

डॉ। आनंद सिंह, फिजीशियन, बेली हॉस्पिटलं