पार्लियामेंट अटैक के दोषी अफजल गुरु को अति गोपनीय 'ऑपरेशन थ्री स्टार'  के तहत 9 फरवरी को तिहाड़ जेल में फांसी दी गई. यह अभियान 4 फरवरी को तब शुरू हुआ, जब प्रेसिडेंट प्रणब मुखर्जी ने गुरु की दया याचिका खारिज कर फांसी का रास्ता साफ कर दिया था.

ऑपरेशन थ्री स्टार के बारे में होम मिनिस्ट्री और तिहाड़ जेल के कुछ ऑफिशियल को ही जानकारी थी. नॉर्थ कश्मीर के सोपोर के रहने वाले अफजल गुरु को शनिवार सुबह आठ बजे फांसी देने के बाद जेल परिसर में ही दफनाया गया. अभियान के तहत 6 फरवरी को ब्लैक वारंट हासिल करने के लिए मजिस्ट्रेट से संपर्क किया गया. तिहाड़ जेल को 6 फरवरी की रात साढ़े 11 बजे ब्लैक वॉरंट की कॉपी मिली.

इसके बाद अधिकारियों को 6 फरवरी की देर रात 12 बजकर 10 मिनट पर गुरु को भेजने के लिए लेटर मिला. अफजल गुरु के परिवार को 7 फरवरी की सुबह लेटर भेजा गया, जिसमें फांसी का समय और तारीख दर्ज थी. इस बारे में जानकारी देने के लिए 6 फरवरी की देर रात मिला पत्र 7 फरवरी की सुबह ही भेज दिया गया था, लेकिन यह परिवार को फांसी के तकरीबन 51 घंटे बाद सोमवार सुबह मिला. अजमल कसाब को फांसी देने के अभियान का कोडनेम ऑपरेशन एक्स था. उसे 21 नवंबर 2012 को पुणे के यरवदा जेल में फांसी दी गई थी.

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