-रात में बम विस्फोट और मारपीट के बाद बढ़ी सुरक्षा

क्कन्ञ्जहृन्: सुलतानगंज थाना क्षेत्र स्थित पटना विश्वविद्यालय के हथुआ हॉस्टल व पीजी हॉस्टल के दो गुटों के छात्रों के बीच बुधवार की रात जमकर मारपीट हुई और दबंग छात्रों ने बम विस्फोट किए। इस घटना के बाद पुलिस ने हॉस्टल की सुरक्षा बढ़ा दी है। सूचना मिलने पर मौके पर पहुंची सुलतानगंज पुलिस ने हॉस्टल के बाहर से दो बम बरामद किया। बम निरोधक दस्ता के सदस्यों ने दोनों बमों को निष्क्रिय किया। पुलिस ने शहनवाज को गिरफ्तार किया है।

हॉस्टल छोड़कर भागे स्टूडेंट्स

बम विस्फोट के बाद विभिन्न थानों द्वारा छात्रावास के कमरों में छापेमारी से छात्रों में हड़कंप मच गया। गिरफ्तारी के भय से स्टूडेंट्स हॉस्टल छोड़ फरार हो गए।

शहनवाज ने मारपीट मामले की प्राथमिकी दर्ज कराई थी। सुलतानगंज थानाध्यक्ष दिनेश चंद्र श्रीवास्तव ने बताया कि हॉस्टल में रहने वाले छात्रों के दो गुटों के बीच मारपीट और बम विस्फोट की घटना के बाद क्षेत्र में पुलिस बल को तैनात कर व्यवस्था को चौकस कर दिया गया है।

रात 11 बजे हुई घटना

स्थानीय लोगों ने बताया कि बुधवार की रात लगभग आठ बजे तक छात्रावास के समीप ही सुलतानगंज थाना की पुलिस गश्ती तैनात थी। पुलिस गश्ती जिप्सी के हटते ही छात्रों के बीच तनाव गहरा गया। रात लगभग साढ़े ग्यारह बजे बम विस्फोट से इलाका थर्रा गया। बम विस्फोट के बाद सुलतानगंज, आलमगंज, बहादुरपुर, पीरबहोर समेत आसपास की मोबाइल जिप्सी से पहुंची पुलिस ने स्थिति नियंत्रित कर छात्रावास के कमरों में छापेमारी शुरू किया। पुलिस को देखते ही दोनों गुटों के छात्र छात्रावास छोड़ अंधेरे का लाभ उठाकर भाग गए। कई छात्र छात्रावास के छत से भी कूदकर भाग गए।

पीजी हॉस्टल सबका बाप है

छात्रावास के छात्रों ने बताया कि 16 जुलाई की शाम छात्रों के दो गुटों में विवाद शुरू हुआ। भोजपुर के अजीमाबाद में रहने वाले मो। शहनवाज आलम ने बताया कि छोटा भाई को बीएड की परीक्षा दिलाने पटना आया था। छोटे भाई के कुछ दोस्त हथुआ हॉस्टल में रहते थे। उनके पास एक दिन के लिए ठहरे थे। 16 जुलाई की दोपहर दो बजे तक मैं रानी घाट घूमने गया था। वहां पर पीजी हॉस्टल के छात्र एक लड़के की पिटाई कर रहे थे। जब मैंने उसकी ओर मुड़कर देखा तो अंशुमान नामक छात्र कॉलर पकड़ कर मारने लगा। इसके बाद और पीजी हॉस्टल के छात्र दौड़कर हथियार व रॉड लेकर आए। मुझे पटक कर मारने लगे। मैंने अपनी गलती पूछी तो उन्होंने कोई जबाव नहीं दिया। अंशुमान के साथ प्रकाश व रवि भी था। मैंने जब अपना नाम शहनवाज बताया तो वे गाली-गलौज करते गए और पीटने लगे। प्रकाश नामक लड़का ने बंदूक दिखाकर बोला कि पीजी हॉस्टल सबका बाप है। मैं वहां से जान बचाकर भागा तब वे पीछे से रॉड लेकर दौड़े। इसी बीच हथुआ छात्रावास के लड़कों ने मेरी जान बचायी। उस घटना के बाद पीजी छात्रावास के छात्र हथुआ छात्रावास की ओर घूर-घूर कर घूमते दिख रहे हैं और जान से मारने की धमकी दे रहे थे। इस मामले की प्राथमिकी मो। शहनवाज पहले दर्ज करा चुका है।