पॉकेट हो रहा खाली

पिछली बार जब जब फॉर्म भरा गया तब तब लगभग हर कैंडिडेट ने 25 से 30 हजार रुपये खर्च किए थे। इस हिसाब से गवर्नमेंट ने बेरोजगारों से करोड़ों रुपये अपने खजाने में जमा करा लिए। लेकिन प्रॉसेस बीच में ही कैंसिल कर दिया गया। ऐसे में हर कैंडिडेट्स के हजारों रुपये फंस गए। हालांकि हल्ला मचाने पर गवर्नमेंट ने पैसा वापस करने का आश्वासन दिया.  जिसके बाद से यह मामला पेंडिंग पड़ा हुआ है। अब फिर से नया फॉर्म मांगा गया है। इसको लेकर कैंडिडेट्स परेशान हैं। उनका कहना है कि एक बार फॉर्म भर चुके कैंडिडेट्स से दोबारा फॉर्म नहीं भरवाना चाहिए।

बनारस में ही ढाई लाख

पिछली बार पूरे यूपी के लिए 72 हजार ट्रेनी टीचर्स की वांट निकाली गयी थी वहीं इस बार दस हजार के लिए फॉर्म मांगा गया है। जबकि बनारस में ही करीब ढाई लाख से अधिक बीएड ट्रेन्ड टीचर्स हैं। हर कोई पहले ही दस से अधिक डिस्ट्रिक्ट के लिए अप्लाई कर चुका है। ऐसे में एक बार फिर फॉर्म भरने को लेकर कैंडिडेट्स में हलचल शुरु हो गयी है।