-एमजीएम हॉस्पिटल के गायनोकोलॉजी डिपार्टमेंट में भर्ती एक महिला की मौत हो गई

-शनिवार की शाम को परिजनों ने जम कर किया बवाल

JAMSHEDPUR: महात्मा गांधी मेमोरियल हॉस्पिटल के डॉक्टर्स की लापरवाही का एक और मामला सामने आया है। डॉक्टर्स की लापरवाही के कारण शनिवार की दोपहर को गायनोकोलॉजी डिपार्टमेंट में भर्ती एक महिला की मौत हो गई। पेट में बच्चे की मौत पहले ही हो गई थी। इस मामले को लेकर हॉस्पिटल में जमकर हंगामा हुआ। शाम को परिजन और झामुमो के कार्यकर्ताओं ने गायनोकोलॉजी वार्ड में जमकर बवाल काटा। वार्ड का शीशा भी फोड़ दिया। इसी दौरान किसी गार्ड के हाथ से चली लाठी संतोष महतो नामक युवक के हाथ में लगी और उसके हाथ में मोच आ गई। हंगामा की खबर पाकर साकची थाने की पुलिस, सीसीआर डीएसपी जसिंता केरकेट्टा और सिटी डीएसपी भी मौके पर पहुंच गए। किसी तरह से लोगों को शांत कराया गया।

क्या है मामला?

जानकारी के मुताबिक रांची जिले के सोनाहातु थाना क्षेत्र के मगनडीह गांव में विवाहित ख्क् वर्षीय नारायणी देवी अपने मायके ईचागढ़ आई थी। महिला गर्भवती थी। महिला को परेशानी होने पर मायके वाले गुरुवार को उसे ईचागढ़ पीएचसी ले गए। वहां जांच के बाद डॉक्टर्स ने परिजनों को बताया कि पेट में बच्चा हरकत नहीं कर रहा है और महिला को एमजीएम रेफर कर दिया। आनन-फानन में परिजन महिला को लेकर एमजीएम पहुंचे। यहां गुरुवार को शाम पांच बजे उसे भर्ती कर लिया गया। महिला के भाई विष्णु गोप व झामुमो नेता कृष्णा लोहार ने बताया कि उस समय वार्ड में तैनात डॉक्टरों और अधीक्षक से कई बार यह गुहार लगाई गई कि महिला की स्थिति गंभीर है और उसे तत्काल चिकित्सा की जरूरत है। इसके बावजूद किसी डॉक्टर ने महिला को देखा तक नहीं।

जमकर हुआ हंगामा

झामुमो नेता कृष्णा लोहार रात में एमजीएम पहुंचे तो महिला की स्थिति गंभीर थी। डॉक्टर्स ने कुछ दवाएं और टेस्ट लिखा था। पर्ची लेकर उन्होंने वार्ड के बाहर तैनात होमगार्ड के जवानों से पूछा कि ये लोग देहात से आए हैं, इन्हें जानकारी नहीं है, बता दे कि दवाएं कहा मिलेंगी और टेस्ट कहां होंगे। इस होमगार्ड के जवान भड़क गए। बहरहाल किसी तरह रात बीती। शुक्रवार की सुबह डॉक्टर्स को पता चला कि पेट में बच्चा मर चुका है। इसके बाद डॉक्टर्स ने परिजनों से खून भी मंगाया। इसके बावजूद शुक्रवार की सुबह से शनिवार की दोपहर तक महिला का ऑपरेशन नहीं किया गया और शनिवार की दोपहर दो से तीन बजे के बीच महिला की भी मौत हो गई। महिला बेड पर पड़ी रही और किसी ने उसे देखा तक नहीं। देर रात तक परिजन एमजीएम के सुपरिंटेंडेंट और महिला का इलाज करने वाले डॉक्टर पर हत्या का मामला दर्ज करने की मांग करते रहे।