-हाई कोर्ट ने पूछा, अभ्यर्थियों को तीन से कम सात से अधिक अंक क्यों दिए

NANITAL: हाई कोर्ट ने निरीक्षक पद पर पदोन्नति के लिए दोबारा साक्षात्कार कराने के निर्देश दिए हैं। कोर्ट ने विभाग से पूछा है कि अभ्यर्थियों को तीन से कम व सात से अधिक अंक क्यों दिए गए। साथ ही रैंकर्स की ब्8 दूसरी सीटों के रिजल्ट पर रोक लगा दी है। सोमवार को न्यायाधीश न्यायमूर्ति सुधांशु धुलिया की एकल पीठ के समक्ष देहरादून निवासी सुभाष चंद्र व अन्य की याचिका पर सुनवाई हुई। याचिका में कहा गया था कि उनका सब इंस्पेक्टर पद पर चयन होना था, जिसमें इलाहाबाद हाई कोर्ट ने रोक लगा दी। इस वजह से उन्हें प्रशिक्षण के लिए ख्007 में भेजा गया। इस चयन प्रक्रिया में चयनित अभ्यर्थियों को उत्तर प्रदेश सरकार ने दस सितंबर ख्00क् से नियुक्ति को प्रभावी माना और वरिष्ठता दी थी, मगर इसी भर्ती से चयनित होने के बाद उत्तराखंड भेजे गए म्म् पुलिस कर्मियों को इस लाभ से वंचित कर दिया गया। पूर्व में इस मामले में दायर याचिका को हाई कोर्ट ने खारिज कर दिया था, जिसके खिलाफ खंडपीठ में अपील की गई। खंडपीठ ने वरिष्ठता पर विचार करने का आदेश दिया। पुलिस महानिदेशक द्वारा खंडपीठ के आदेश के अनुपालन में इसी साल ख्क् मार्च को ख्00क् से ही वरिष्ठता देने के आदेश जारी किए, मगर सरकार ने डीजीपी के आदेश को निरस्त कर दिया था।