उन्हें चिंता मिल्क प्राइस हाइक से एक बार फिर मिल्क प्रोडक्ट्स के रेट बढऩे से घर का बजट बिगडऩे की है। उन्होंने सेविंग कम हो जाने और अन्य खर्चों में कटौती जैसे साइड इफेक्ट पडऩे की आशंका जताई। यह केवल शिवानी की ही चिंता नहीं है बल्कि हर हाउस वाइफ की है.

मिल गया मौका

एक बार फिर दूध के रेट बढ़ गए हैं। संडे को अमूल के रेट बढ़ाने के बाद नमस्ते इंडिया ने भी मंडे को दूध के रेट्स 2 रुपए पर लीटर बढ़ा दिए। रमजान और साथ में सावन का आखिरी सोमवार जैसा अच्छा मौका देखकर दूधिए भी नहीं चूके। सुबह 240 ग्र्राम खोया वाला गारंटी दूध बादशाही नाका मंडी में 44 रुपए पर लीटर पर खुला। हालांकि बाद में 35 रुपए पर लीटर तक पहुंच गया है। इसमें एक दिन पहले शाम के मिल्क का अधिक योगदान रहा। जाहिर है इसका असर रक्षाबंधन पर बिकने वाली स्वीट्स आदि पर साफ नजर आएगा. 

साल भर में 6 रूपए बढ़े

इस वर्ष पैक्ड मिल्क 6 रुपए पर लीटर तक महंगा हो गया। 23 जुलाई को ही एक कंपनी ने अपने पैक्ड घी के रेट 10 रुपए पर लीटर बढ़ाए थे। डेरी ओनर राजनारायण गुप्ता ने बताया कि पिछले 5-6 वर्षों में दूध ही नहीं घी, क्रीम, पनीर, मक्खन तक के रेट दो गुने हो गए हैं। पिछले महीने लास्ट वीक में एक कंपनी ने पैक्ड घी के रेट 10 रुपए पर लीटर बढ़ा दिए थे।

खर्चों में की कटौती

दूध और उससे जुड़े प्रोडक्ट्स के रेट बढऩे लोगों ने अपने खर्चों में कटौती कर ली है। बिरहाना रोड में रहने वाली डॉ। शुभांगी कहती हैं फैमिली की सेहत से तो कॉम्प्रोमाइज तो नहीं कर सकते न। दूध और घी हर स्थिति में लेनी ही है। उसके बिना काम भी तो नहीं चलता। पी रोड की मिसेज बख्शी कहती हैं कि दिनों-दिन रेट्स बढऩे से हमने क्वांटिटी थोड़ी कम जरूर कर दी है। जहां पहले 2 केजी घी पर मंथ परचेज करती थी, अब कम करके एक केजी से ही काम चला लेती हूं.

Industry पर भी असर

दूध के लगातार रेट बढऩे से सिफ आम लोग ही नहीं बल्कि इंडस्ट्रियलिस्ट भी परेशान हैं। इसका असर मिल्क इंडस्ट्रीज पर भी अच्छा खासा पड़ेगा। इंडस्ट्रियलिस्ट नवीन खन्ना कहते हैं कि पिछले आठ महीने में ही दूध के रेट बढऩे के साथ ही मिल्क पाउडर के रेट भी 130 से 180 रूपए केजी पहुंच गए हैं. जाहिर है दूध के रेट बढऩे का प्रभाव बिस्किट इंडस्ट्रीज पर भी पड़ेगा। इससे बिस्किट और इससे जुड़े अन्य प्रोडक्ट भी महंगे हो जाएंगे। कुल मिलाकर हर तरफ से आम लोगों को ही परेशानी का सामना करना पड़ेगा.