RANCHI : देशव्यापी स्वच्छता सर्वे शुरू होने में महज कुछ दिन ही बाकी हैं। ऐसे में रांची नगर निगम की नींद अब खुल रही है। निगम की ओर से शहर की साफ- सफाई को लेकर अभियान तो शुरू कर दिया गया है, लेकिन सफाई कर्मियों के सुस्त रवैए से जगह-जगह कचरे का अंबार लगा हुआ है। अधिकारियों के बार-बार वार्निग के बाद भी सफाई व्यवस्था जस की तस बनी हुई है। लेकिन, एजेंसी के कानों पर जूं तक नहीं रेंग रही है।

गड़बडि़यों को तत्काल सुधारें

अपर नगर आयुक्त के सोमवार को निरीक्षण के दौरान सफाई व्यवस्था को लेकर भारी गड़बडि़यां सामने आई थी। कई जगहों पर कूड़ा-कचरा पसरा हुआ था। ऐसे में उन्होंने इसपर नाराजगी जताते हुए चार दिन में सफाई की समीक्षा करने का आदेश दिया था। इस बाबत सभी वार्डो के सुपरवाइजर्स को सफाई व्यवस्था में अविलंब सुधार लाने का अपर नगर आयुक्त ने आदेश दिया है। अब देखना है कि अपर नगर आयुक्त के इस आदेश के बाद सफाई एजेंसी साफ-सफाई को लेकर कितना गंभीर होती है।

आसान नहीं है बेहतर रैंकिंग पाना

चार जनवरी से देशभर के सैकड़ों शहरों में स्वच्छता सर्वे शुरू होने जा रहा है। जिसमें शहर की सफाई से लेकर टॉयलेट, यूरीनल्स के साथ ही पब्लिक फीडबैक के आधार पर रेटिंग्स मिलेगी। इसके अलावा डाक्यूमेंटेशन और अन्य चीजों पर भी सर्वे करने वाली एजेंसी की नजर रहेगी। अब देखना यह होगा कि इस बार रांची को देशभर के अन्य शहरों में कितने नंबर मिलते है।

पिछली बार टॉप 20 में मिली थी जगह

स्वच्छता सर्वे 2018 में देशभर के साढ़े 400 शहरों को शामिल किया गया था। जिसमें से पब्लिक फीडबैक में रांची नगर निगम अव्वल रहा था। वहीं साफ शहरों की सूची में 20वें नंबर पर जगह बनाने में रांची नगर निगम सफल रहा था। लेकिन इस बार एजेंसी की कार्यशैली और सुस्त रफ्तार को देखते हुए यह तय हो गया है कि रांची को इस बार टॉप 20 में तो जगह नहीं मिल पाएगी।