- आरटीओ में प्रत्येक दलाल को जारी होगा लाइसेंस
-ड्रेस कोड होगा, निर्धारित राशि पर कराएंगे लोगों का काम
आई स्पेशल
Meerut: आरटीओ ऑफिस में दलाली रोकने के तमाम प्रयास विफल होने के बाद अब आरटीओ स्तर से दलालों को रजिस्टर्ड करने की तैयारी की जा रही है। कुछ ही दिनों में आपको आरटीओ ऑफिस के आसपास रजिस्टर्ड एजेंट घूमते नजर आएंगे। साथ ही एजेंटों का अलग से ड्रेस कोड होगा, जिसके चलते आम आदमी भी उन्हें आसानी से पहचानकर अपना काम करा सकें गे।
परेशान रहते थे लोग
लोग आरटीओ में दलाल राज को लेकर काफी परेशान रहते थे, क्योंकि दफ्तर की खिड़की पर पहुंचने वालों के फॉर्म में इतने अधिक ऑब्जेक्शन लगा दिए जाते थे कि दलाल के माध्यम से आवेदन करना उनकी मजबूरी बन जाता था। माना जा रहा है कि दलालों के अधिकृत होने से लोगों को बिना वजह की परेशानी से छुटकारा मिलेगा।
अवैध वसूली पर लगेगी लगाम
सभी एजेंटों के काउंटर के पास आपको हर काम की अलग-अलग फीस लिखा बोर्ड लगा मिलेगा, जिससे आपको ठगे जाने का डर बिल्कुल समाप्त हो जाएगा, क्योंकि हर काम के पैसे फिक्स होंगे। इससे एक ओर जहां आम जनता को सुविधा मिलेगी। वहीं आरटीओ को भी दलाल राज से मुक्ति मिल जाएगी।
ये होगा ड्रेस कोड
आरटीओ की ओर से लाइसेंस प्राप्त करने के बाद एजेंटों को ड्रेस पहनने की अनुमति दी जाएगी। आरटीओ ऑफिस से मिली जानकारी के अनुसार सभी एजेंट खाकी पैंट व सफेद शर्ट में दिखाई देंगे, जिससे आपको इन्हें पहचानने में दिक्कत नहीं होगी।
दिया जाएगा नंबर
ये लोग किसी काम में धांधली न कर सकें, इसलिए इन्हें एक विशेष नंबर दिया जाएगा। काम वाले फॉर्म पर एजेंट को अपना आईडी नंबर लिखना होगा, ताकि ऑफिस में बैठे कर्मचारी उन्हें पहचान सकें।
विभाग तय करेगा रेट
लाइसेंस वाले एजेंटों के हर काम का रेट तय होगा, जिसे विभाग द्वारा तय किया जाएगा। कोई भी एजेंट निर्धारित फीस से ज्यादा पैसे जनता से नहीं वसूल सकेगा। लाइसेंस मिलने के बाद वो रेट चार्ट एजेंट को थमा दिया जाएगा।
होगी कार्रवाई
यदि किसी एजेंट की निर्धारित फीस से ज्यादा पैसे लेने की शिकायत मिली तो संबंधित के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाएगी। साथ भी बिना लाइसेंस का एजेंट आरटीओ ऑफिस के ईद-गिर्द दिखाई नहीं देगा।
नई योजना से काफी हद तक आम जनता की जेब कटने पर लगाम लग जाएगी। साथ ही संबंधित एजेंट की भी रोजी-रोटी पर संकट खड़ा नहीं होगा।
-विश्वजीत सिंह, एआरटीओ मेरठ
एजेंटों के अधिकृत होने से उन लोगों को ज्यादा फायदा होगा जो लोग एक डीएल बनवाने के लिए भी आरटीओ ऑफिस के चक्कर लगाते रहते थे। फिर भी उन्हें निराशा हाथ लगती थी। साथ ही वे लोग दलालों द्वारा ठगी का शिकार भी होते थे।
सतपाल तोमर, स्टूडेंट
ड्रेस कोड होने से वास्तव में आमजन को सुविधा हो जाएगी। देहात से आए लोगों को ड्रेस देखकर असली-नकली की पहचान हो सकेगी, जिससे उनकी जेब कटने से बच जाएगी।
विवेक शर्मा, व्यापारी
मैं तो पहले से ही दलालों से ही काम करवाता हूं। इससे पैसे तो जाते हैं, लेकिन समय की बहुत बचत होगी। नई योजना से कुछ कम पैसों में काम चल जाएगा।
सुनील कुमार, व्यापारी