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GORAKHPUR: दशहरा, दिवाली को लेकर अभी से ट्रेंस फुल हैं। खासकर, दिल्ली व मुबंई रूट के लिए ट्रेंस में सीट के लिए मारामारी की स्थिति है। त्योहार में कंफर्म सीट पा लेना टेढ़ी खीर है। ऐसे में दलाल एक्टिव हो गए हैं। मुंहमांगी कीमत में तत्काल कोटे के कंफर्म टिकट बुक हो रहे हैं। दैनिक जागरण आई नेक्स्ट के स्टिंग में यह बात सामने आई कि आईआरसीटीसी की वेबसाइट को हैक कर मुंबई से टिकट बुक की जा रही है। हम आपको बताते हैं कि दलाल किस तरह चंद सेकेंड्स में ही सभी टिकट बुक कर ले रहे हैं और आम पब्लिक काउंटर पर लाइन में खड़ी ही रह जा रही है.


 

मुंबई में बैठा है गैंग

मुबंई में बैठे बड़े एजेंट्स आईआरसीटीसी की वेबसाइट को हैक करने वाले साफ्टवेयर यूज करते हैं। इसके जरिए चंद सेकेंड्स में ही टिकट बुक कर लिए जाते हैं। हालांकि त्योहार व गर्मी की छुट्टियों के दौरान टिकट की बढ़ती डिमांड को देखते हुए ऐसे सॉफ्टवेयर्स का गोरखपुर और आसपास के एरियाज में भी धड़ल्ले से यूज हो रहा है। दैनिक जागरण- आई नेक्स्ट के स्टिंग में ऐसे कुछ दलाल वेबसाइट हैक कर टिकट बुक करते दिखे। फर्क सिर्फ इतना है कि इसका मंथली रेन्युअल चार्ज काफी अधिक होने से यहां के एजेंट्स इसे रेगुलर यूज नहीं कर पाते। ऐसे में वे मुंबई के एजेंट्स से सेटिंग कर वहां से टिकट बुक कर मंगाते हैं।


 

फोन पर बिकता है साफ्टवेयर

आपको यह जानकर हैरानी होगी कि तत्काल टिकट बुकिंग के लिए पूरे देश में बड़ा नेक्सेस काम कर रहा है। इसके लिए इस गिरोह के लोग यू-ट्यूब और सोशल मीडिया पर अपने सॉफ्टवेयर का खूब एड भी कर रहे हैं। तत्काल टिकट के धंधे से जुड़े जानकारों के मुताबिक इन सॉफ्टवेयर की खरीद-फरोख्त करने वाले तमाम एजेंट्स मार्केट में काम कर रहे हैं। इनमें कई सीबीआई सहित रेलवे विजिलेंस के हत्थे भी चढ़ चुके हैं लेकिन अब इस पेशे में काम का ट्रेंड पूरी तरह बदल चुका है। अब बाकायदा ऑनलाइन मार्केटिंग की जा रही है। सोशल मीडिया पर जारी नंबर्स पर संपर्क करने पर यह एजेंट्स पहले तो अपने प्रोडक्ट का डेमो वर्जन देते हैं। एजेंट्स दो-चार दिन इसे यूज करने के बाद जब संतुष्ट हो जाता है तो फिर उसे खरीदने की बात होती है लेकिन यह सबकुछ होता है सिर्फ फोन पर। इसके लिए टिकट दलालों को पहले इन एजेंट्स के बैंक अकांउट में पैसे ट्रांसफर करने होते हैं और इसके बाद यह लोग उनके कम्प्यूटर या लैपटॉप को रिमोट पर लेकर इन सॉफ्टवेयर को इंस्टाल कर देते हैं।


 

कम टाइमिंग, ज्यादा पैसा

ऐसे तो आईआरसीटीसी की वेबसाइट को हैक कर उसकी सर्विस फास्ट कर देने वाले दर्जनों साफ्टवेयर मार्केट में छाए हुए हैं। इनमें एचपी, रेड मिर्ची, नियो, नियो प्लस, जियो, साइकिल, स्मार्ट, आई स्मार्ट जैसे तमाम साफ्टवेयर्स हैं लेकिन इनमें सबसे अधिक डिमांड उन सॉफ्टवेयर्स की होती है, जिनकी टाइमिंग सबसे कम होती है। यानी कि जिन सॉफ्टवेयर के जरिए महज 15 से 30 सेकेंड के अंदर ही टिकट बुक हो सकें। इन सॉफ्टवेयर्स का रेट पीएनआर स्लॉट के मुताबिक भी तय होता है यानी कि एक बार में कितने अधिक से अधिक पीएनआर नंबरों पर टिकट निकाला जा सकता है। ऐसे में इस तरह के सॉफ्टवेयर के जरिए दलाल चंद सेकेंड्स में दर्जनों टिकट निकाल रहे हैं।


 

काउंटर से टिकट पाना मुश्किल

गौरतलब है कि आईआरसीटीसी की वेबसाइट पर तत्काल टिकटों की बुकिंग के लिए रोजाना करीब 1.30 लाख ट्रांजेक्शन होती है। एसी क्लास की तत्काल टिकट बुकिंग सुबह 10 बजे शुरू होती है जबकि स्लीपर क्लास की बुकिंग सुबह 11 बजे शुरू होती है। तत्काल टिकट यात्रा की तारीख से एक दिन पहले बुक होता है। ऐसे में इन टिकटों की बुकिंग खुलने पर सिर्फ गोरखपुर में ही नहीं बल्कि पूरे देश में लाखों लोग ऑनलाइन या टिकट काउंटर्स पर टिकट पाने के लिए लगे होते हैं। लेकिन सॉफ्टवेयर यूज कर रहे इन टिकट दलालों की वजह से बुकिंग खुलने के महज चंद सेकेंड के अंदर ही सारे टिकट बुक कर लिए जाते हैं। ऐसे में आम पब्लिक के लिए तत्काल टिकट पाना अब संभव ही नहीं रह गया है।

 

सभी ट्रेंस हैं फुल

ट्रेन टिकट की स्थिति

गोरखधाम एक्सप्रेस 30 अकतूबर तक वेटिंग

वैशाली एक्सप्रेस 26 अक्तूबर तक वेटिंग

सत्याग्रह एक्सप्रेस 1 नवंबर तक वेटिंग

बिहार संपर्कक्रांति एक्सप्रेस 29 अक्तूबर तक वेटिंग

सप्तक्रांति एक्सप्रेस 30 अक्तूबर तक वेटिंग

आनंद विहार-गोरखपुर स्पेशल 30 अक्तूबर तक वेटिंग

कुशीनगर एक्सप्रेस 5 नवंबर तक वेटिंग

गोरखपुर-एलटीटी एक्सप्रेस 2 नवंबर तक वेटिंग

बांद्रा एक्सप्रेस 29 अक्तूबर तक वेटिंग