चांदीपुर के अस्थाई टेस्ट रेंज (ITR) के निदेशक एसपी दाश ने फ़ोन पर बीबीसी से कहा, "आज का परीक्षण पूरी तरह से सफल रहा और सभी तकनीकी मापदंडों पर खरा उतरा. मिसाइल ने ठीक समय पर अपने पूर्व निर्धारित लक्ष्य को भेद लिया."रक्षा विभाग के प्रवक्ता सीतान्शु कर ने भी कहा कि परीक्षण 'सम्पूर्ण रूप से सफल रहा'.

उन्होंने बताया कि रक्षा मंत्री एके एंटनी ने प्रधानमंत्री के विज्ञान सलाहकार वीके सारस्वत को अग्नि-5 के सफल परीक्षण पर बधाई दी है. प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने भी रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) के वैज्ञानिकों को बधाई दी है.

इसके साथ ही भारत उन चुनिंदा देशों की सूची में शामिल हो गया है जिनके पास अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल है. विशेषज्ञों का कहना है कि 5000 किलोमीटर की मारक क्षमता वाली ये मिसाइल परमाणु क्षमता से लैस है. इसका अर्थ ये है कि ये मिसाइल पाकिस्तान के अलावा पड़ोसी देश चीन के सभी हिस्सों तक पहुँचने की क्षमता रखती है.

पहले इसका परीक्षण बुधवार की शाम को होना था लेकिन ख़राब मौसम की वजह से इसे गुरुवार की सुबह तक टाल दिया गया था. इससे पहले अमरीका, चीन, रूस, फ़्रांस और ब्रिटेन के पास इतनी शक्तिशाली मिसाइलें हैं. माना जाता है कि इसराइल के पास भी ऐसी मिसाइलें हो सकती हैं. भारतीय मीडिया में कहा जा रहा है कि अग्नि-5 के परीक्षण के बाद भारत परमाणु क्षमता से लैस अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल रखने वाले पाँच देशों के 'एलीट क्लब' में शामिल हो जाएगा.

लेकिन बीबीसी के रक्षा मामलों के संवाददाता जोनाथन मार्कस के अनुसार भारत को 'एलीट क्लब' की सदस्यता तब तक नहीं मिल सकती जब तक भारत परमाणु अप्रसार संधि (एनपीटी) पर हस्ताक्षर नहीं कर देता. भारत एनपीटी पर हस्ताक्षर करने का पक्षधर नहीं है क्योंकि वह इस संधि को निष्पक्ष नहीं मानता. अग्नि-5 को रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने तैयार किया है.

इस मिसाइल की कुल लंबाई 17.5 मीटर है और ये करीब 49 टन वजनी है. बताया गया है कि यह एक टन तक परमाणु विस्फोटक ले जाने में सक्षम है. डीआरडीओ के अधिकारियों के अनुसार अग्नि-5 तीन रॉकेटों के सहारे काम करता है. डीआरडीओ के वैज्ञानिकों का कहना है कि साल 2010 में अग्नि 3 के सफल प्रक्षेपण और उसके बाद 2011 में अग्नि 4 के सफल प्रक्षेपण के बाद उसी डिजाइन को अग्नि 5 के लिए विकसित किया गया है.

भारत की इंडरमीडियेट रेंज बैलिस्टिक मिसाइलों में अग्नि 1, अग्नि 2 और अग्नि 3 शामिल है जिनकी मारक क्षमता 700-800 किलोमीटर, 2000-2300 किलोमीटर और 3500 किलोमीटर से ज्यादा है.

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