- जूता कारोबार को 100 करोड़ की चपत ,अन्य कारोबार में 200 करोड़ का नुकसान

- कई बाजारों अच्छा दिखा बंदी का असर, कुछ बाजारों में कम दुकान बंद रखी गईं

AGRA। व्यापार मंडल का 'आगरा बंद' शहर के कारोबार को 300 करोड़ की चपत लगा गया। जूता, मशीनरी और कपड़ा मार्केट बंद रहा। हालांकि बंद का मिला-जुला असर दिखाई दिया। फिर भी कारोबारियों को ये बंदी तगड़ा नुकसान दे गई है। कई बाजार आंशिक रूप से बंद रहे तो कई बाजाराें में सन्नाटा रहा।

हींग की मंडी रही बंद

सुशील जैसवानी मर्डर केस के विरोध में सोमवार को आगरा बंद का आह्वान किया गया था। सुबह से बंदी का असर दिखा। आगरा के जूता कारोबार से ताल्लुक रखने वाले हींग की मंडी सरीखे शहर के कुछ प्रमुख बाजारों में बंदी का अच्छा-खासा असर दिखाई दिया। शाह मार्केट, घटिया आजम खां मार्केट, धूलियागंज, पथवारी, बेलनगंज, फुव्वारा, सिंधी मार्केट, एमजी रोड सहित तमाम बाजार बंद रहे।

तीन सौ करोड़ की चपत

आगरा में प्रमुख रूप से जूते का कारोबार होता है। कारोबार से जुड़े जितेंद्र त्रिलोकानी के अनुसार एक दिन की बाजार बंदी के दौरान अगर सत्तर फीसदी जूता कारोबार प्रभावित रहे तो लगभग 100 करोड़ रुपये का कारोबार प्रभावित होता है। स्टॉक से रॉ मैटेरियल कारीगरों तक नहीं पहुंच सका। क्योंकि लोडिंग ऑटो शहर में नहीं चले।

सर्राफा और मशीनरी से भी नुकसान

सर्राफा, कपड़ा, मशीनरी से जुड़ा भी काफी कारोबार आगरा में होता है। बात अगर सोमवार की बंदी की दौरान करें तो आगरा को खासा नुकसान हुआ है। सिर्फ शू इंडस्ट्री को 100 करोड़ की चपत नहीं लगी बल्कि सर्राफा, कपड़ा और मशीनरी कारोबार भी प्रभावित हुआ। कारोबार से जुड़े लोग बताते हैं कि तीनों कारोबार को मिलाकर तकरीबन 200 करोड़ का नुकसान हुआ है।

बाजार में लगाए काले झंडे

सोमवार को राजामंडी बाजार में कारोबारियों ने दुकानों के बाहर काले झंडे लगाकर आक्रोश जताया। एक-दो नहीं बल्कि इस क्षेत्र में कई जगहों पर काले झंडे इस बात की ओर इशारा कर रहे हैं कि व्यापारियों के साथ गुंडागर्दी बहुत हो गई। अब समाज इसे आगे बर्दाश्त करने की स्थिति में कतई नहीं है।

खुलीं दवा, मिठाई की दुकान

शिवाजी मार्केट एसोसिएशन के अध्यक्ष और कारोबारी श्याम भोजवानी का कहना है कि सोमवार को आगरा बंदी के दौरान दवा की दुकानों को बंद नहीं करने के लिए कहा गया था। क्योंकि हमें किसी को परेशान नहीं करना है। लिहाजा दवा के अलावा मिठाई और खाने-पीने की दुकानों को खुला रखा गया।