पीपल मंडी इलाके में पैदा हुए गालिब

आगरा के पीपल मंडी इलाके में पैदा हुए गालिब वक्त के साथ दिल्ली के होकर रह गए. बल्लीामारां की गलियों से उन्हेंड कुछ ऐसा इश्कह हुआ कि मोहब्बयत की नगरी की यादें कहीं पीछे छूट गईं. शहर ने भी उनके यादों को संजोकर रखने की जहमत नहीं उठाई.  

गालिब के नाम पर दो मोहल्ले

मिर्जा ग़ालिब का जन्म आगरा में 27 दिसम्बर, 1797 को हुआ था. जिस शहर में उनका बचपन गुजरा और पढ़ाई लिखाई हुई वहां अब उनकी याद के नाम पर उनके नाम पर दो मोहल्ले छोटा ग़ालिबपुरा और बड़ा ग़ालिबपुरा ही हैं. आइए चहलकदमी करते हैं आगरा की उन गलियों में जहां उस सुखनवर की यादें आज भी जिंदा हैं जिसके बारे में कहते हैं कि उसका अंदाज ए बयां कुछ और ही था.

ताज ही नहीं,गालिब का शहर भी है आगरा

पीपल मंडी स्थित इंद्रभान गर्ल्स इंटर कॉलेज. यही वह जगह है जहां गालिब का जन्म हुआ. गालिब की इस हवेली में ही आज गर्ल्स इंटर कॉलेज का संचालन होता है. मिर्जा गालिब की इस हवेली को कलां महल के नाम से जाना जाता था.

ताज ही नहीं,गालिब का शहर भी है आगरा

पीपल मंडी स्थित गुलाबखाना गली. यह गली गालिब की हवेली के पास है. यहां गालिब अपने बचपन के साथियों के साथ खेला करते थे. यहां की गलियां इस बात की आज भी गवाह बनी हुई हैं.

कश्मीरी बाजार स्थित छत्ता राजा काशी की हवेली के अवशेष, काशी नरेश के बेटे से गालिब की दोस्ती थी. जिसके साथ इसी हवेली से गालिब पतंगबाजी किया करते थे. हवेली के ओनर से बातचीत.

ताज ही नहीं,गालिब का शहर भी है आगरा

कश्मीरी बाजार की वह गलियां, जहां टीनएज में गालिब अक्सर मुजरा सुनने जाया करते थे. वक्त बदला और आज यह क्षेत्र रेड लाइट एरिया के रूप में खासा बदनाम है.

ताज ही नहीं,गालिब का शहर भी है आगरा

पीपल मंडी की गलियां, ये गालिब की यादों को संजोकर रखे हुए हैं.

ताज ही नहीं,गालिब का शहर भी है आगरा

मिर्जा गालिब रिसर्च अकादमी के डायरेक्टर डॉ. सैयद इख्तियार जाफरी आज भले ही गालिब हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन उनकी कृतियां यहां आज भी उनके होने का अहसास कराती हैं.

आगरा से कैमरामैन केके दुबे के साथ मेघ सिंह inextlive के लिए.

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