तीन हजार वर्ग फीट में बनेगा
एसएसपी शलभ माथुर का कहना है कि 11 दिसंबर को आगरा दौरे पर आए सीएम अखिलेश यादव ने ताज नगरी की सुरक्षा की दृष्टि से देखते हुए कानपुर की तर्ज पर हाईटेक सुविधाओं से लैस पुलिस कंट्रोल रूम बनाने की घोषणा की थी। जो एक ही तल पर 3000 हजार वर्ग फीट एरिया में बनाया जाएगा। हालांकि अभी तक जगह का चुनाव ही नहीं हो पाया।
हर चौराहे पर होंगे कैमरे
आगरा सिटी में करीब 52 प्रमुख बड़े चौराहे हैैं, इस सभी एरियों में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे। इसकी मॉनीटरिंग के लिए कंट्रोल रूम के पास ही बड़ा हाल बनाया जाएगा। हॉल में वीकली पेट्रोल ऑफिसर्स की मीटिंग हुआ करेगी। इसके साथ ही वहींट्रेनिंग दी जाया करेगी। समय-समय पर खुद कप्तान पुलिस को ब्रीफिंग किया करेगें। पुलिस विभाग के सभी वाहन जीपीएस सिस्टम से लैस होंगे।
सुरक्षा के लिए लगेंगे वाहन
डिस्ट्रिक्ट के सभी थानों की शांति व्यवस्था वीआईपी ड्यूटी, गश्त, पर्यटकों की सुरक्षा सहयोग और मार्गदर्शन के लिए कंट्रोल रूम से अटैच चार पहिया वाहन कुल 91 होंगे। 294 दो पहिया वाहन, 5 शव वाहन, 01 इंटरसेप्टर, 05 रिकवरी वैन, 01 रेडियो मेन्टीनेंस वाहन, 05 ब्रज वाहन और 05 एंबुलेंस को लगाया जाएगा।  
हर कीमत पर रिसीव होगी कॉल
एसएसपी कहते हैं किपीडि़त द्वारा 100 नंबर पर की गई कॉल हर कीमत पर रिसीव की जाएगी। इसके लिए हाईटेक कंट्रोल रूम में एक साथ 20 कॉल्स रिसीव की जाएंगी। इन्हें पीआरआई लाइन से भी कनेक्ट किया जाएगा। थ्री वीएचएफ रेडियो चैनल के अलावा भी फोर वीएचएफ रेडियो चैनल और लगाए जाएंगे। जो देहात एरियों ईस्ट, वेस्ट और शहरी एरिए के यमुना पार एरिए सिकंदरा, सदर क्षेत्र में वीआईपी ग्रिड होंगी। ड्यूटी के लिए कॉल ट्रैक करने के लिए 66 कांस्टेबल और सीसीटीवी कैमरों की मॉनीटरिंग के लिए 15 कांस्टेबल अलग से लगाए जाएंगे।
ऑपरेटर किए जाएंगे नियुक्त
कंट्रोल रूम में आने वाली कॉल को डिस्पैच करने के लिए 54 वायरलेस ऑपरेटरों की नियुक्ति की जाएगी। इसके साथ सीसीटीवी कैमरों की मॉनीटरिंग करने वाले कांस्टेबल्स की कमांड के लिए 09 सबइंस्पेक्टर्स नियुक्त किया जाएगा।
देहात में समेकित कंट्रोल रूम

बाह एंव पिनाहट एरिए के लिए समेकित कंट्रोल रूम से सीधे संपर्क बसई अरेला सब कंट्रोल रूम पर किया जाएगा। उसके लिए 40/50 वाट का रिपीटर सैट लगाए जाएगें।
10 केबिन बनेंगे

शहर से आने वाली कॉल के लिए 10 केबिन बनाए जाएंगे। उन्हें डिस्पैच करने के लिए भी 07 केबिन बनेंगे। इनके पर्यवेक्षण के लिए क्षेत्राधिकारी कंट्रोल रूम को नियुक्त किया जाएगा।
2010 में भी बना था प्लान

तत्कालीन डीआईजी/एसएसपी असीम अरुण ने हाईटेक कंट्रोल रूम को सपना दिखाया था। उस दौरान शहर के चार चौराहों पर सीसीटीवी कैमरे लगवाए थे। हरीपर्वत पर तो बाकायदा मॉनीटरिंग हुई थी। जो महज तीन माह में ही फेल हो गई।
2012 में भी हुआ डेमो

तत्कालीन एसपी सिटी आरपी सिंह यादव ने भी थाने के बाहर पेड़ पर सीसीटीवी कैमरा लगवाकर चौराहे पर चेक किया था। उसके बाद आईजी आशुतोष पांडेय को शहर के सभी चौराहों पर सीसीटीवी कैमरे लगवाने की जिम्मेदारी दी। उनके साथ तत्कालीन एसपी ट्रैफिक बीएन तिवारी को लगाया। उन्होंने पूरा प्लान बना लिया था। पूरा प्रोजेक्ट करीब पचास लाख रुपए का था। जो पैसा न आने के कारण फैल हो गया।
पांच लाख का कैमरा

शहर के सबसे संवेदनशील एरिया मानते हुए कई साल पहले सदर भट्टी चौराहे के पास एक होटल के ऊपर सीसीटीवी कैमरा लगवाया था। जिसकी कीमत पांच लाख रुपए है। जो जामा मस्जिद तक का पूरा एरिया कैमरे में कैद हो जाता है। कई सालों से खराब पड़ा हुआ है।
कानपुर का कंट्रोल रूम पहले  बनना था आगरा

कानपुर का हाईटेक कंट्रोल रूम भी पहले आगरा में ही बनना था। शहर के ऑफिसर्स की लापरवाही के कारण ही कंट्रोल रूम का पैसा कानपुर में चला गया था। इस बार तीन जनवरी को आए एडीजी लॉएड ऑडर मीटिंग में बताया था कि हाईटेक कंट्रोल रूम के लिए साढ़े सात करोड़ रुपए सेंशन हो गए हैं।
कमीशन का खेल

-वीएस मीणा डीआईजी रेंज आगरा

2010 में एक सीसीटीवी कैमरे लगाने के लिए प्राइवेट कंपनी से टाई-अप किया गया। जिसका जिम्मा एक सीनियर ऑफिसर को दिया गया था। इस प्राइवेट कंपनी के एक्सीक्यूटिव ने बताया कि हमने कैमरे की कीमत 11 हजार रुपए बताई थी। लेकिन उनका कहना यह था कि पर कैमरा 25 हजार के हिसाब से बिल बनाओ। इस पर कंपनी ने दो गुने बिल बनाने के लिए मना कर दिया था।
हाईटेक कंट्रोल रूम के लिए अभी तक जगह नहीं मिल पाई है। पहले तो पुलिस लाइन में ही बनना तय हुआ था। जल्दी ही जमीन मिल जाएगी। कंट्रोल रूम को सात-आठ माह में तैयार कर लिया जाएगा।

-शलभ माथुर, एसएसपी आगरा
प्रस्ताव भेजा गया है। इस बार हाईटेक कंट्रोल रूम का निर्माण जल्दी होगा। पुराने कंट्रोल रूम के ऊपर ही बनाया जाएगा।