आई एक्सक्लूसिव
मोहित शर्मा
--UPHSSP ने किया डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल के साथ करार
- वर्ल्ड बैंक की मदद से सुधरेगी हॉस्पिटल की सूरत
Meerut। गंदगी और बदइंतजामी के लिए बदनाम डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल निकट भविष्य में चमचमाता और साफ सुथरा नजर आए तो हैरान न हो। यही नहीं इलाज के स्तर में भी बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा। हो सकता है कि ड्यूटी पर तैनात कर्मचारी प्लीज कहकर बात करेंगे। हॉस्पिटल और इलाज में बदलाव का कारण वो कांट्रेक्ट है, जो स्वास्थ्य विभाग ने वर्ल्ड बैंक के सहयोग से यूपीएचएसएसपी के साथ किया है।
क्या है योजना?
दरअसल, उ.प्र। हेल्थ सिस्टम स्ट्रेंथनिंग परियोजना (यूपीएचएसएसपी) के अंतर्गत मेरठ समेत प्रदेश के 51 जिला अस्पतालों को शामिल किया गया है। परियोजना के अंतर्गत आने वाले अस्पतालों के इलाज और सुविधाओं में आमूलचूल परिवर्तन किया जाएगा। इस कांट्रेक्ट में लखनऊ की एजेंसी जेनरेटर प्राइवेट लिमिटेड को सर्विस प्रोवाइडर बनाया गया है। जिला अस्पतालों में होने वाले इस बदलाव के बजट का जिम्मा वर्ल्ड बैंक ने उठाया है, जबकि 15 प्रतिशत बजट प्रदेश सरकार देगी।
ये होंगे काम
यूपीएचएसएसपी के अंतर्गत अस्पताल की सफाई व्यवस्था, लांड्रिंग, बायो मेडिकल वेस्ट डिस्पोजल समेत दर्जन भर कार्यो की जिम्मेदारी संबंधित कंपनी की होगी। हॉस्पिटल को साफ स्वच्छ और हाइटेक बनाने के ये काम तीन चरण में पूरे किए जाएंगे। प्रथम फेस में हॉस्पिटल की सफाई व्यवस्था को रखा गया है। जिसके चलते कांट्रेक्टर कंपनी ने जिला अस्पताल में अतिरिक्त स्टॉफ के रूप में 40 कुशल अन्य सफाई कर्मचारी लगाए हैं। जबकि कुछ 50 कर्मचारियों का लगाया जाना तय हुआ है।
मरीज करेंगे मार्किंग
यूपीएचएसएसपी की ओर से जिला अस्पताल में नियुक्त की गई हॉस्पिटल मैनेजर नुपूर सिंह ने बताया कि विभिन्न अनुभागों के इन कर्मचारियों के वेतन आदि के लिए चार लाख का बजट रखा गया है। उन्होंने बताया कि इन कर्मचारियों को वेतन हॉस्पिटल में भर्ती मरीजों की मार्किंग के आधार पर किया जाएगा। हर माह वेतन भुगतान करने से पूर्व मरीजों से एक फार्म भरवाया जाएगा, जिसमें उनसे अस्पताल में मिल रही सुविधाओं और साफ सफाई के बारे में पूछा जाएगा। मरीजों द्वारा जारी की गई मार्किंग के अनुसार ही कर्मचारियों को वेतन भुगतान होगा। मरीजों यदि निगेटिव मार्किंग करते हैं तो कर्मचारियों का वेतन रोक लिया जाएगा।
कंपनी ने भेजी मशीन
हॉस्पिटल मैनेजर ने बताया कि फर्स्ट फेस को कंपलीट करने के लिए कंपनी ने सफाई कर्मचारियों के अलावा सफाई की मशीनें जैसे वैक्यूम क्लीनर, हाईप्रेशर मशीन और स्वीपिंग मशीन के अलावा सफाई कर्मचारियों की ड्रेस भी भेज दी हैं।
इनकी होगी शुरुआत
-गार्डनिंग
-क्लीनिंग
-लांड्रिंग
-बायो मेडिकल डिस्पोजल
-हाईटेक लैब
-डायलेसिस
परियोजना के अंतर्गत तीन फेसों में कार्य किया जाएगा। प्रथम फेस में क्लीनिंग और फिर इलाज और सुविधा संबंधी अन्य हाइटेक व्यवस्थाएं शुरू की जाएगी। फर्स्ट फेस के अंतर्गत कार्य शुरू हो चुका है।
-नूपुर सिंह, हॉस्पिटल मैनेजर
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यूपीएचएसएसपी के अंतर्गत कार्य शुरू कर दिया गया है। अब जिला अस्पताल में प्राइवेट हॉस्पिटल जैसी साफ सफाई, सुविधा और इलाज नजर आएगा। कार्य शुरू हो चुका है।
-डॉ। सुनील कुमार गुप्ता, एसआईसी