- हजारों यात्रियों की जान जोखिम में डाल रहे रेलवे ऑफिसर

<- हजारों यात्रियों की जान जोखिम में डाल रहे रेलवे ऑफिसर

BAREILLY:

BAREILLY:

हजारों यात्रियों को सुरक्षित सफर कराने की जिम्मेदारी उठाने वाले लोको पायलट एक्स्ट्रा ड्यूटी की वजह से नींद में हैं। स्टाफ की कमी के चलते उन्हें आराम करने को नहीं मिल रहा है। लिहाजा, सफर में झपकी आने से लोको पायलट सहमे हुए हैं। उन्हें डर है कि कहीं ट्रेन ड्राइव करते वक्त नींद आ गई तो फिर यात्रियों की जान जोखिम में पड़ जाएगी। इसके अलावा रनिंग रूम में उनके खाने-पीने का इंतजाम भी ठीक नहीं है, जिसको लेकर लोको पायलट रिलैक्स महसूस नहीं कर रहे हैं। मंडे को इन्हीं मसलों को लेकर ऑल इंडिया लोको रनिंग स्टॉफ एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने रेलवे जंक्शन पर विरोध प्रदर्शन किया।

मात्र ब् घंटे की ले पा रहे नींद

बरेली में सुपरफास्ट, एक्सप्रेस और मालगाड़ी ट्रेनों के लिए ब्भ्0 लोको पायलट और सहायक लोको पायलट ही जरूरत हैं। वर्तमान समय में मात्र फ्00 ही लोको पायलट और सहायक लोको पायलट हैं। बाकी के काम भी इन्हीं से लिए जा रहे हैं। लिहाजा 8 घंटे से एक्स्ट्रा ड्यूटी कराई जा रही है। काम के बाद 8 घंटे की जो नींद लोको पायलट को लेनी होती है, वह नहीं ले पा रहे हैं। जिससे उनकी थकान नहीं मिट पा रही है। ट्रेन रनिंग के दौरान भी आलस्य बना रहता है। साथ ही, झपकी आती रहती है। नाम न छापने की शर्त पर एक लोको पायलट ने बताया कि 8 घंटे जब आराम का समय होता है, तो ख् घंटे पहले ही ड्यूटी के लिए कॉलिंग कर दी जाती है। जिसे रेलवे आराम में ही मानता है।

रनिंग रूम में कोई व्यवस्था नहीं

वहीें रनिंग रूम में भी कई जगहों पर हेल्दी खाने-पीने की चीजें उपलब्ध नहीं हैं। हरदुआगंज में ही ख् रनिंग रूम को बने हैं। खाने की कोई व्यवस्था नहीं की गई है। लिहाजा, लोको पायलट बाहर का खाना खाने के लिए मजबूर होते हैं। या फिर कच्चा राशन साथ रखते हैं और रनिंग रूम में बनवा कर वहीं खाते हैं। रेलवे की यह लापरवाही से लोको पायलट आराम करने का मौका ही नहीं मिल पा रहा है। थकान से चूर लोको पायलट ट्रेन चलाने को मजबूर हैं। ऐसे में ट्रेन रनिंग के दौरान ट्रैक फ्रैक्चर होने, मानव रहित फाटक, कोई ट्रेन रोकने का सिग्नल को ध्यान न देने जैसी बातें हो सकती है।

लोको पायलट ने जताया विरोध

रेलवे ऑफिसर की ओर से किए जा रहे शोषण के विरोध में आल इंडिया लोको रनिंग स्टॉफ एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने मंडे को जंक्शन मेन गेट पर प्रदर्शन किया। इस मौके पर एआईएलआरएसए के जोनल सेक्रेटरी पीसी झा, मंडल उपाध्यक्ष डीडी मीना, राजवीर, संदेश कुमार, सहायक मंडल मंत्री सोमवीर यादव, गणेश शंकर और रजनीश कुमार सहित अन्य लोग मौजूद रहे।

यह होना चाहिए।

- 8 घंटे ड्यूटी पर 8 घंटे की नींद।

- फ्म् घंटे के अंदर हेड क्वॉर्टर पर रिटर्न होना जरूरी।

- इमरजेंसी के दौरान ही 7ख् घंटे में हेड क्वॉर्टर रिटर्न होने का नियम।

- रनिंग रूम में हेल्दी खाने-पीने और सोने की व्यवस्था।

- हर ट्रेन में गार्ड और सहायक लोको पायलट।

यह हो रहा है

- ब् घंटे ही नींद ले पा रहे हैं।

- 8 घंटे की जगह क्म्-क्7 घंटे की ली जा रही ड्यूटी।

- कई ट्रेनों में लोको पायलट को नहीं मिल रहे गा‌र्ड्स।

- आराम के टाइम में ख् घंटे पहले ही कर दी जाती है कॉलिंग।

- कई जगह पर रनिंग रूम में सोने और खाने-पीने की व्यवस्था नहीं।