तत्वों के साथ प्रवाहित हो गंगाजल
टिहरी बांध को खत्म करना हमारा लक्ष्य नहीं है। हमारा लक्ष्य तो गंगा के जल को उसके गुण, तत्वों के साथ अविरल प्रवाह देने की है। लोगों में यह भ्रांति है कि हम टिहरी बांध को तोडऩे की बात कर रहे हैं। ऐसा बिल्कुल नहीं है। हम तो टिहरी बांध को बिना नुकसान पहुंचाए एक ऐसे विकल्प की बात कर रहे हैं जिससे कि गंगाजल का प्रवाह उसके मूल तत्वों के साथ जारी रहे। इसका एक सरल तरीका जल को पर्यावरणीय प्रवाह देने का है। देखिये अगर हम टिहरी डैम के पानी से बिजली बनाने की प्रक्रिया पर गौर करें तो बिजली बनाने के लिए जल को टरबाइन में डालने से पहले उसे छानते हैं। इससे गंगा जल में उपस्थित मूल तत्व सिल्ट के रूप में डैम में ही रुक जाता है। अब छाने हुए पानी को टरबाइन से गुजारते हैं जिससे कि बिजली पैदा होती है। पानी कम होने के चलते यह प्रक्रिया कई बार दोहराई जाती है। हमारा कहना है कि डैम के नीचे से पानी के एक स्रोत की व्यवस्था की जाए जो कि आगे जाने वाली गंगा की मूल धारा में जाकर मिले ताकि छोड़ा गया पानी अपने साथ गंगा के मूल तत्व सिल्ट को भी साथ लेकर आये। अगर डैम के पानी की एक बहुत छोटी मात्रा को भी इस प्रकिया में लाया गया तो गंगा मरने से बच जायेगी। हमने इसके लिए रिसर्च किया है। इसमें बहुत अधिक खर्च भी नही है।

Report by: Himanshu Sharma