रिपोर्ट में बताया गया है कि  चरमपंथियों के ठिकानों पर रात भर चली छापेमारी मुख्यतः उत्तरी वजीरिस्तान के आस-पास के इलाकों और मीर अली शहर पर केंद्रित थी.

पाकिस्तान सरकार की ओर से नामित मध्यस्थों और तालिबान के बीच निर्धारित शांति वार्ता रुक जाने के बाद ये हमले शुरू हुए हैं.

तालिबान के एक गुट के बयान के बाद बातचीत थम गई. इस बयान में कहा गया था कि चरमपंथियों ने उत्तर-पश्चिम कबायली इलाके में 23 सुरक्षाकर्मियों की हत्या कर दी है.

हवाई हमले

"इन हवाई हमलों का उद्देश्य चरमपंथियों के छिपे हुए ठिकानों को निशाना बनाना था. इन हमलों में बड़ी मात्रा में हथियार और गोला बारूद भी नष्ट हुए हैं."

-पाकिस्तान अधिकारीः समाचार एजेंसी 'एजेंसी-फ्रांस-प्रेस'

समाचार एजेंसी एएफ़पी के मुताबिक एक  पाकिस्तानी अधिकारी ने जानकारी दी है, "इन हवाई हमलों का उद्देश्य चरमपंथियों के छिपे हुए ठिकानों को निशाना बनाना था. इन हमलों में बड़ी मात्रा में हथियार और गोला बारूद भी नष्ट हुए हैं."

कुछ अन्य रिपोर्टों ने खुफिया अधिकारियों के हवाले से कहा है कि इन हवाई हमलों में कुछ विदेशी लड़ाके भी मारे गए हैं.

मोहमंद कबायली इलाके में स्थित चरमपंथियों ने रविवार को बयान जारी करते हुए कहा था कि उन्होंने साल 2010 से कैदी बनाए गए सैनिकों की हत्या कर दी है.

नवाज शरीफ ने इस घटना की कड़ी आलोचना करते हुए कहा था कि सैनिकों की मौत से तालिबान के साथ शांति के लिए चल रही पर नकारात्मक असर पड़ेगा.

सैनिकों की कथित हत्या की ख़बर आने के बाद सरकार और तालिबान के बीच अकोरा खतक शहर में होने वाली नियत शांति वार्ता बीच में ही रोक दी गई थी.

पिछले महीने में भी पाकिस्तानी लड़ाकू विमानों ने सुरक्षा बल पर हो रहे सिलसिलेवार हमलों के जवाब में उत्तरी वजीरिस्तान में छिपे आतंकवादियों के ठिकानों को अपना निशाना बनाया था.

International News inextlive from World News Desk