ख़बरों के मुताबिक़ हालांकि दिल्ली से बेंगलुरू जा रहे इस ड्रीमलाइनर जहाज़ को सुरक्षित उतार लिया गया लेकिन इस घटना से 150 यात्रियों की जान ख़तरे में पड़ गई.

एयर इंडिया ने कहा है कि जहाज़ के निचले हिस्से में छेद के बावजूद कोई आपात स्थिति पैदा नहीं हुई थी.

साल 2009 में पेश किए ड्रीमलाइनर जहाज़ शुरूआत से ही तकनीकी समस्याओं से ग्रस्त रहे हैं.

पीटीआई के मुताबिक डीजीसीए इस घटना की जांच कर रहा है. इस छेद के बारे में ग्राउंड स्टाफ को पता चला जब वो वापसी की उड़ान के लिए विमान की जांच कर रहे थे.

बोइंग का कहना है कि इस पैनल के निकल जाने से यात्रियों को किसी तरह का ख़तरा पैदा नहीं हुआ.

कंपनी के प्रवक्ता डूग ऑल्डर ने रॉयटर्स को बताया "यह पैनल विमान को उड़ान के दौरान केवल एयरोडाइनैमिक सतह उपलब्ध कराता है."

समस्याएं

छेद के साथ उड़ा एयर इंडिया का बोइंग विमान,कंपनी करेगी जांचपिछले कुछ समय से ड्रीमलाइनर 787 विमानों में लगातार तकनीकी और सुरक्षा संबंधी गड़बड़ियां सामने आती रही हैं.

हाल ही में जापान एयरलाइंस ने दो ड्रीमलाइनर 787 की उड़ानें रद्द कर दी थीं.

जनवरी में इस जहाज़ के पूरे बेड़े की उड़ान रोक दी गई थी.

जापान एयरलाइंस के ड्रीमलाइनर में आग लगने और ऑल निप्पों एअरवेज़ की उड़ान को आपात परिस्थिति में ज़मीन पर उतारने के चलते ये फ़ैसला लिया गया था.

इसकी वजह विमान की बैटरी में आई ख़राबी औऱ एक इलेक्ट्रिकल कंपार्टमेंट में लगी आग थी.

हालंकि ड्रीमलाइनर की उड़ानों को बहाल कर दिया गया लेकिन परेशानियां थमी नहीं.

जुलाई में हीथ्रो एअरपोर्ट पर खड़े इथियोपिया एअरलाइन के ड्रीमलाइनर 787 में आग लग गई थी.

इसके बाद अगस्त में ऑल निप्पों एयरवेज़ विमान के लोकेटर ट्रांसमीटर की बैटरी वायरिंग में गड़बड़ी की बात कही गई.

दिक़्क़तों के बावजूद ड्रीमलाइनर जहाज़ों की गिनती सबसे आधुनिक विमानों में की जाती है.

इसे पेश किए जाने से लेकर अब तक बोइंग को 950 से ज़्यादा ऑर्डर मिल चुके हैं.

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