-क्लाइमेट एजेंडा ने जारी की एयर किल्स रिपोर्ट

-डीजल की बढ़ती खपत और कूड़ा जलाना पड़ रहा महंगा

LUCKNOW:

यूपी की हवा जानलेवा है। क्लाइमेट एजेंडा संस्था की ओर से प्रदेश के 15 जिलों में किए गए अध्ययन के बाद जारी एयर किल्स रिपोर्ट में यह बात सामने आई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि लखनऊ, वाराणसी, कानपुर, आगरा जैसे शहरों के बराबर या उनसे भी अधिक दूसरे शहर वायु प्रदूषित हैं जहां पाल्यूशन कंट्रोल बोर्ड वायु प्रदूषण की मॉनीटरिंग नहीं करता।

पूरे प्रदेश की समस्या

क्लाइमेट संस्था की ओर से कराए गए सर्वे में 15 जिलों को शामिल गया गया। जिसकी रिपोर्ट में कहा गया है कि वायु प्रदूषण सिर्फ चुनिंदा बड़े शहरों तक ही सीमित नहीं है। प्रदेश के छोटे शहर भी लगातार वायु प्रदूषित होते जा रहे हैं।

प्रदूषण ज्यादा, लेकिन मॉनीटरिंग नहीं

रिपोर्ट के बारे में विस्तार से बताते हुए एकता शेखर और प्रमिल द्विवेदी ने कहा रिपोर्ट में उन जगहों को अधिक प्रदूषित पाया गया जहां प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का मॉनीटरिंग नेटवर्क निगरानी नहीं करता। बलिया, मऊ, आजमगढ़, गोरखपुर आदि का इस लिस्ट में ऊपर होना इस बात का संकेत है।

छोटे शहरों में लगाएं मापक

सामाजिक कार्यकर्ता ताहिरा हसन ने कहा क्लाइमेट एजेंडा द्वारा तैयार यह रिपोर्ट केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा किये जाने वाले वायु गुणवत्ता जांच का दायरा बढ़ाने की मांग करती है। वर्तमान में नैशनल एंबियेंट क्वालिटी मॉनीटरिंग नेटवर्क केवल सात शहरों तक ही सीमित है। प्रदेश का 90 फीसद हिस्सा किसी भी तरह के उपायों से अछूता है।

डीजल ओर कूड़ा बढ़ा रहे प्रदूषण

प्रेस वार्ता में पर्पज क्लाइमेट लैब दिल्ली से आए संदीप दहिया ने बताया कि सबसे बड़ी समस्या डीजल की बढ़ती खपत और खुले में जलाया कूड़ा है। इसका धुंआ ही आबोहवा में जहर घोल रहा है।