छ्वन्रूस्॥श्वष्ठक्कक्त्र : आज व‌र्ल्ड एन्वायरमेंट डे है। एन्वायरमेंट को बचाने के लिए आज पूरी दुनिया में तरह-तरह के प्रोग्राम्स होंगे। हर साल की तरह इस साल भी रैली निकाली जाएगी। सेमिनार व वर्कशॉप होगा। प्लांटेशन किया जाएगा। धरती को बचाने के लिए लोग वादे करेंगे, लेकिन इन कोशिशों के बाद भी पॉल्यूशन का ग्राफ दिन-ब-दिन बढ़ता ही जा रहा है। अगर अपने शहर की बात करें तो यहां एयर पॉल्यूशन मामले में स्थिति बेहद परेशान करने वाली है। सिटी में पीएम10 जैसे एयर पॉल्यूटेंट का मात्रा क्रिटिकल लेवल पर है, वही एनओ 2 का लेवल भी स्टैंडर्ड से काफी ज्यादा है।

पीएम का लिमिट ज्यादा

सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के आंकड़ों के मुताबिक, यहां पार्टीक्यूलेट मैटर (पीएम 10) का लेवल 153 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर है, जो कि स्टैंडर्ड लिमिट से काफी ज्यादा है। पीएम 10 पॉल्यूटेंट के मामले में सिटी की एयर क्वालिटी क्रिटिकल है। पीएम 10 का यह बढ़ता लेवल कई तरह की बीमारियों की वजह बनता है। पीएम 10 के एक्सपोजर से ब्रीदिंग और रेसिपिरेटरी सिस्टम पर असर पड़ने के साथ लंग टिश्यूज के डैमेज होने और कैंसर का भी खतरा बढ़ जाता है। डॉक्टर्स का कहना है कि बुजुर्ग व बच्चे के अलावा जिन्हे पहले से लंग डिजीज, इंफ्लूएंजा या अस्थमा है, उन पर पार्टीकुलेट मैटर का असर ज्यादा पड़ता है।

कई तरह की डिजीज का है खतरा

शहर में नाइट्रोजन डाइऑक्साइड (एनओ 2) का लेवल भी स्टैंडर्ड लिमिट से काफी ज्यादा है। सिटी में एनओ 2 का लेवल 48 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर है। रांची और धनबाद कु तुलना में भी यह लेवल काफी ज्यादा है। रांची में एनओ 2 का लेवल 35 और धनबाद में 36 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर है। एनओ 2 का लेवल ज्यादा होने पर लंग्स इंफेक्शन और रेस्पिरेटरी प्रॉब्लम्स होती है। इसके अलावा कफ एंड कोल्ड, फ्लू, ब्रोंकाइटिस जैसी बीमारियां भी होती है।