-सर्द मौसम में पांव पसारने लगा स्मॉग, दिन ब दिन बढ़ता जा रहा है पॉल्युशन लेवल

-दिसंबर और जनवरी में सबसे ज्यादा रहता है पॉल्युशन

-पुअर जोन में पहुंच रहा है एक्यूआई, कॉमर्शियल जोन वेरी पुअर

GORAKHPUR: मौसम की उठापटक का दौर काफी तेज हो चला है। कब ठंड बढ़ जाए और कब गर्मी परेशान करने लगे, इसका किसी को भी अंदाजा नहीं है। मौसम के इस रुख में इन दिनों शुरू हुए कोहरे ने परेशानी और बढ़ा दी है। फॉग के साथ शहर में फैले पॉल्युशन के जाल से स्मॉग पैदा हो रहा है, जो लोगों की परेशानी को कई गुना बढ़ा रहा है। हालत यह है कि गोरखपुर रेसिडेंशियल एरिया की एयर क्वालिटी लगातार पुअर की ओर बढ़ रही है, जिससे सांस लेने मुसीबत शुरू हो गई है। वहीं, दमा-अस्थमा के मरीज अस्पताल पहुंच रहे हैं। वहीं, इंडस्ट्रियल एरियाज में हालात और बदतर हो चुके हैं।

तेजी से बढ़ा है पीएम 10

यूं तो पॉल्युशन का ग्राफ पिछली बार की तुलना में काफी ऊपर आया है। मगर सिर्फ इस माह की बात की जाए, तो इस दौरान भी पॉल्युशन में दिन ब दिन उछाल देखने को मिल रहा है। पॉल्युशन की मॉनीटरिंग करने वाले साइंटिफिक असिस्टेंट सत्येंद्र यादव ने बताया कि इस माह में अब तक सात बार रीडिंग ली गई है, जिसमें हर बार पॉल्युशन लेवल इनक्रीज हुआ है। इसमें सबसे ज्यादा खतरनाक आरएसपीएम -10 है, जो लगातार डेंजर लेवल की तरफ बढ़ रहा है। 22 नवंबर को इंडस्ट्रियल एरिया में तो एयर क्वालिटी काफी खराब हो गई थी, जो आगे और खराब होने की चांसेज हैं।

पर्टिकुलेट मैटर्स कर रहे परेशान

एक तरफ जहां सारा देश पॉल्युशन की मार से बेहाल है, वहीं अपने शहर में भी हालत काफी अच्छे नहीं हैं। यहां रेसिडेंशियल एरियाज में एयर क्वालिटी अब ग्रीन की जगह मॉडरेट जोन में जा पहुंचा है, वहीं कॉमर्शियल एरियाज में लोगों की परेशानी ज्यादा बढ़ी हुई है। यहां लोगों को सबसे ज्यादा दिक्कत पर्टिकुलेट मैटर्स से हैं, जिसकी वजह से उन्हें दमा और अस्थमा जैसी बीमारियां पेशेंट्स को अटैक कर रही हैं, जोकि इन बीमारियों से जूझ रहे मरीजों के लिए खतरनाक है।

नीचे ही अटके हैं पॉल्युटेंट

मौसम का जिस तरह से मिजाज बदल रहा है, वह पॉल्युशन को बढ़ाने में काफी मददगार है। इस मौसम में म्वॉयशचर होने की वजह से ऊपरी सतह में नमी हो जाने की वजह से पॉल्युटेंट की एक लेयर फॉर्म हो जा रही है, जो हवा में तैर रहे खतरनाक पार्टिकिल्स को ऊपर नहीं जाने देती, जिससे यह निचली सतह पर रहकर कॉन्संट्रेशन बढ़ाते रहते हैं और पॉल्युशन का ग्राफ लगातार ऊपर होते चला जाता है। जिस कदर म्वॉयशचर में इजाफा होता है, यह प्रॉब्लम ज्यादा बढ़ती जाती है। इसलिए आने वाले महीने पॉल्युशन के लिहाज से काफी क्रिटिकल हैं। इस दौरान जितना पॉल्युशन कम फैलाने पर जोर दिया जाए, एटमॉस्फियर को उतना ही बचाया जा सकता है।

शाम काफी खतरनाक

यूं तो सिटी में हर वक्त नाइट्रोजन डाई ऑक्साइड और सल्फर डाईऑक्साइड लोगों को परेशान कर रही है। मगर पॉल्युशन विभाग के जिम्मेदारों की मानें तो इनका सबसे ज्यादा प्रकोप शाम में छह बजे से लेकर रात के 10 बजे के बीच होता है। दिवाली और लगन के बाद से एटमॉस्फियर में इनकी तादाद काफी ज्यादा बढ़ गई है। वहीं सबसे इन दोनों गैसेज का सबसे कम कॉन्संट्रेशन लेवल रात में दो बजे से सुबह छह बजे के बीच होता है, जब लोग गहरी नींद में सो रहे होते हैं।

कुछ यूं चेंज हुआ है ग्राफ -

अगस्त 2017

कैटेगरी - मात्रा

पीएम10 एसओ2 एनओ2 एक्यूआई

आवासीय 48.8 4.9 13.7 49

कॉमर्शियल 73.2 11.6 22.9 73

इंडस्ट्रियल 108.3 13.9 25.8 106

सितंबर 2017

कैटेगरी - मात्रा

पीएम10 एसओ2 एनओ2 एक्यूआई

आवासीय 68.19 5.51 14.03 68

कॉमर्शियल 91.73 14.02 27.35 92

इंडस्ट्रियल 119.79 17.9 30.39 113

अक्टूबर 2017

कैटेगरी - मात्रा

पीएम10 एसओ2 एनओ2 एक्यूआई

आवासीय 77.51 07.07 19.72 78

कॉमर्शियल 117.20 20.45 33.97 111

इंडस्ट्रियल 135.04 22.26 40.89 123

अगस्त 2018

कैटेगरी - मात्रा

पीएम10 एसओ2 एनओ2 एक्यूआई

आवासीय 88.86 5.31 13.20 89

कॉमर्शियल 200.37 23.63 44.39 167

इंडस्ट्रियल 211.11 30.94 46.76 174

सितंबर 2018

कैटेगरी - मात्रा

पीएम10 एसओ2 एनओ2 एक्यूआई

आवासीय 115.66 6.88 15.43 110

कॉमर्शियल 217.90 28.30 45.52 179

इंडस्ट्रियल 231.24 36.03 51.76 187

अक्टूबर 2018

कैटेगरी - मात्रा

पीएम10 एसओ2 एनओ2

आवासीय 123.03 8.13 17.13

कॉमर्शियल 227.09 29.29 47.95

इंडस्ट्रियल 314.97 38.13 63.11

बॉक्स -

इस माह कुछ यूं रहे हालात -

डेट रेसि। इंड। कॉम।

1 नवंबर - 121.36 297.27 226.49

8 नवंबर - 187.62 387.36 285.69

15 नवंबर - 234.59 415.82 343.17

22 नवंबर - 267.41 435.78 368.19

यह है मानक

0-50 - मिनिमम इंपैक्ट

51-100 - सेंसिटिव लोगों को सांस लेने में थोड़ा प्रॉब्लम

101-200 - लंग, हर्ट पेशेंट के साथ बच्चों और बुजुर्गो को सांस लेने में दिक्कत

201-300 - लंबे समय तक संपर्क में रहने वालों को सांस लेने में प्रॉब्लम

301-400 - लंबे समय तक संपर्क में रहने वालों को सांस की बीमारी

401 या ऊपर - हेल्दी लोगों को भी सांस लेने में दिक्कत, रेस्पिरेटरी इफेक्ट

पॉल्युटेंट का लेवल अब बढ़ने लगा है। सर्दी के मौसम में यह ज्यादा हो जाता है। इसलिए अब जितना पॉसिबल हो सके, पॉल्युशन कम फैलाएं और बजाए पॉल्युशन का उपाय करने के फोकस इस बात पर हो कि पॉल्युशन कैसे न फैले? तभी इस प्रॉब्लम से बचा जा सकता है। आने वाले दो-तीन महीने इस लिहाज से काफी सेंसिटिव हैं।

- डॉ। गोविंद पांडेय, एनवायर्नमेंटलिस्ट