- शहीदों के परिजनों ने एक सुर में कहा कि पाकिस्तान को इससे बड़ा जवाब देना चाहिए

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KANPUR : पुलवामा में शहीदों की शहादत का बदला भारतीय सेना ने ले लिया। सूरज की पहली किरण भी नहीं फूटी थी कि आतंकियों को पाकिस्तान में उनके ठिकाने में घुसकर इंडियन एयरफोर्स ने दोजख में भेज दिया। भारत के इस जवाबी हमले पर शहीदों के परिजनों ने भी खुशी जताई। अपने पति, बेटे को खो देने का गम आज भी उनके चेहरों पर है, लेकिन आज उनको थोड़ा सुकून जरूर मिला है। अब उनका कहना है कि इस आतंकवाद का जड़ से सफाया कर देना चाहिए। दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने पुलवामा में शहीदों की वीरांगनाओं और उनके पिता से बात की और इस हमले के बाद उनका रियक्शन लिया।

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आज थोड़ा सुकून मिला है

कानपुर देहात के लाल शहीद कांस्टेबल श्यामबाबू की पत्‍‌नी रूबी देवी ने कहा कि पाकिस्तान पर हुई एयर स्ट्राइक बार-बार होनी चाहिए। रोते हुए उन्होंने कहा कि आज थोड़ा सुकून मिला है, लेकिन कलेजे को अभी ठंडक नहीं मिली है। एक-एक कर आतंकियों को मारना होगा। मेरा बेटा भी देश की सेवा करेगा। ऐसे हमले अब पाकिस्तान पर लगातार होने चाहिए, जिससे आतंकवाद कभी अपना सिर न उठा पाए।

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जंग से ही होगा आतंकवाद का खात्मा

देश के लिए अपने प्राण न्यौछावर करने वाले पुलवामा हमले में शहीद हुए कल्याणपुर निवासी शहीद कांस्टेबल प्रदीप सिंह के कन्नौज स्थित घर पर शांतिपाठ हुआ। पत्नी नीरज देवी ने कहाकि दिल को ठंडक जरूर पहुंची, पर इस हमले से मेरा बदला पूरा नहीं हुआ है। मैंने जो खोया है, वह मुझे कभी वापस नहीं मिलेगा। आंखों में आंसू लिए उन्होंने बताया कि जंग ही अगर आतंकवाद का खात्मा है तो यही होना चाहिए। उन्होंने कहा कि एक दिन में बदला पूरा नहीं हो सकता है। ऐसे कई हमले पाकिस्तान पर होने चाहिए। जब तक एक भी आतंकवादी जिंदा है, मुझे चैन नहीं मिलेगा।

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एक हमले से पूरा नहीं हुआ बदला

पड़ोसी जिले उन्नाव के लाल शहीद कांस्टेबल अजीत कुमार आजाद की पत्‍‌नी मीना गौतम ने फोन पर रोते हुए बताया कि अभी हर एक आंसू का हिसाब होना बाकी है। पति की शहादत का बदला लेना अभी बाकी है। इस हमले से थोड़ा सुकून मिला है। पाकिस्तान और उसके आतंकियों को नेस्तनाबूत कर देना चाहिए। तब मुझे सुकून मिलेगा। भारतीय सेना के पराक्रम से मैं वाकिफ हूं, इससे भी और बड़ा हमला होना चाहिए।

बहुत सालों बाद ऐसा पीएम देखा

कारगिल वार में शहीद हुए मेजर अविनाश भदौरिया के पिता गंगा सिंह भदौरिया इस हमले पर खुशी जताते हुए कहा है कि ऐसे हमलों से मन में संतोष होता है। डा। लाल बहादुर शास्त्री और इंदिरा गांधी के बाद ऐसा पीएम देखा है जो भारत सशक्त राष्ट्र बना रहा है। ऐसे हमलों के लिए सरकार की मजबूत इच्छा शक्ति का होना बहुत जरूरी है। कारगिल वार में हमारे 400 जवान शहीद हुए थे। इसका बदला अभी बाकी है। एयर स्ट्राइक उस वक्त भी होनी चाहिए थी।

एयर स्ट्राइक देखकर मन ख्ाुश हुआ

शहीद कैप्टन आयुष यादव के पिता अरुण कांत यादव ने बताया कि ऐसे हमलों से आतंकवाद की हिम्मत और कमर दोनों टूटती है। भारत की इस कार्रवाई से पाकिस्तान के हालात और खस्ता हो जाएंगे। देश की सरकार ने आर्थिक मोर्चे पर भी पाकिस्तान को करारा जवाब दिया है। यह एयर स्ट्राइक और पहले होनी चाहिए थी।

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शहीदों को सच्ची श्रद्धाजंलि दी गई

2005 में कुपवारा में चले ऑपरेशन रक्षक में मोर्चा लेते हुए कानपुर के लाल शहीद मेजर सलमान ने अपने प्राणों का बलिदान दे दिया। पुलवामा की शहादत का बदला लेने के बाद मेजर सलमान के परिवार में खुशी का माहौल है। उनके बड़े भाई कामरान ने बताया कि भारतीय सेनाओं की तरफ से शहीदों को सच्ची श्रद्धांजलि है। पिता हाजी मुश्ताक अहमद खान और मां रशीदा बेगम ने भी शहादत के बदले पर खुशी जताते हुए कहा कि ऐसे हमने लगातार भारत को करते रहना चाहिए। 40 के बदले 4000 आतंकी की मौत के घाट उतारना चाहिए।