- वन विभाग की लैंड ट्रांसफर प्रक्रिया शुरू

- हवाई अड्डे को भूमि सौंपे जाने को लेकर मुख्य वन संरक्षक से मांगी गई अनुमति

Meerut : मेरठ में हवाई अड्डा बनाने के लिए क्क्भ्ख् पेड़ काटने पड़ेंगे। हवाई अड्डे के आसपास पेड़ नहीं होने चाहिए क्योंकि पेड़ों की मौजूदगी पक्षियों के अनुकूल माहौल बनाएगी, जिससे कि विमानों की लैंडिंग और टेकऑफ के समय दुर्घटना घटने की आशंका बनी रहेगी। ऐसे में एयरपोर्ट के निर्माण के लिए यहां लगे पेड़ों को काटा जाएगा। इसकी अनुमति मेरठ के वन विभाग ने मुख्य वन संरक्षक से मांगी है।

ट्रांसफर प्रक्रिया शुरू

एयरपोर्ट के लिए आवश्यक करीब फ्0 एकड़ भूमि के ट्रांसफर की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। मेरठ के सामाजिक वानिकी प्रभाग के प्रभागीय निदेशक ने शासन के मुख्य वन संरक्षक को पत्र लिखकर सूचित किया है कि भूमि ट्रांसफर से पहले जो प्रक्रिया अपेक्षित है, वह पूरी कर ली गई है। इसके साथ ही यह भी बताया गया है कि जिला प्रशासन ने दी जाने वाली भूमि के बराकर की भूमि वन विभाग के नाम अमलदरामद करा दी है। साथ ही साढ़े पांच लाख रुपए की राशि भी जमा करा दी गई है।

अगस्त कर दी जाएगी ट्रांसफर

ऐसे में माना जा रहा है कि जल्द ही औपचारिकताओं को निपटाकर वन विभाग की भी जमीन एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एएआई) को सौंप दी जाएगी। ऐसे में माना जा रहा है कि अगस्त तक जिला प्रशासन एएआई को और 7म् एकड़ भूमि सौंप देगा। वन विभाग के अड़ंगे की वजह से चार जुलाई को यह भूमि ट्रांसफर नहीं हो सकी थी। इसमें वन विभाग के साथ ही अन्य सरकारी विभागों की भी भूमि है।