- एयरपोर्ट का सब्जबाग दिखाकर एमडीए ने 2014 में लॉंच की थी योजना

- इंडियन एयरपोर्ट अथॉरिटी ने दिया झटका, 20 किमी की परीधि में निर्माण को ना

- एयरपोर्ट एंक्लेव में 558 भवन बनाने का कार्य जारी, खतरे में 'एयरपोर्ट एंक्लेव'

Meerut । एमडीए की अति-महत्वाकांक्षी योजना 'एयरपोर्ट एंक्लेव' का भविष्य खतरे में पड़ता नजर आ रहा है। एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने एमडीए को यह कहते हुए बड़ा झटका दिया है कि एयरपोर्ट के 20 किमी की परीधि में कोई निर्माण नहीं किया जा सकता, जबकि चौंकाने वाली बात यह है कि एयरपोर्ट एंक्लेव की कुल दूरी ही एयरपोर्ट से 174 मीटर है।

एयरपोर्ट एंक्लेव योजना

दरअसल, परतापुर स्थित डॉ। भीमराव एंबेडकर एयरपोर्ट की शासन से मंजूरी के बाद एमडीए ने 14 अगस्त 2014 को एयरपोर्ट एंक्लेव योजना लॉंच की थी। 18.5 हेक्टेयर में फैली योजनातंर्गत एमडीए ने 558 फ्लैट बनाने का लक्ष्य रखा था। हालांकि बाद में समाजवादी आवास योजना के 400 भवनों को भी इसमें जोड़ दिया गया। इस तरह एयरपोर्ट एंक्लेव में कुल 958 भवनों का निर्माण किया जाना था।

बुकिंग से मिले आठ करोड़

एयरपोर्ट के नजदीक का ख्वाब दिखाते हुए एमडीए ने अपनी इस योजना का आकर्षक ब्रॉशर बनवाते हुए बड़े स्तर पर प्रचार प्रसार किया। इसका नतीजा यह निकला की एयरपोर्ट से निकटता के चलते योजना के 50 फीसदी फ्लैट हाथोंहाथ बुक हो गए। जिसमें एमडीए के खाते में बुकिंग अमाउंट के रूप में 8.81 करोड़ रुपए आ गए। यही नहीं एमडीए ने चालीस दिनों के भीतर योजना से 1.35 लाख का ब्याज भी कमा लिया। एक आरटीई के माध्यम से हुए खुलासे में सामने आया है कि एमडीए को 5 लाख की आय तो केवल योजना के ब्रॉशर बेचने से ही हो गई।

17 मार्च तक कब्जा

14 अगस्त 2015 को योजना की लॉंचिंग के बाद एमडीए ने फरवरी 2015 में योजना में निर्माण कार्य शुरू कर दिया। इसके लिए एमडीए ने मार्च 2017 तक भवनों पर कब्जा दिया जाना सुनिश्चित किया था। हालांकि एमडीए के सामने भवनों को जल्द से जल्द पूर्ण कराए जाने की चुनौती है, लेकिन एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने इस पूरी योजना पर ही ग्रहण लगा दिया है।

फैक्ट ऑफ फीगर

-योजना के भवन -558

-समाजवादी भवन -400

-कुल भवन - 958

-कुल विला - 48

भवनों की कीमत

-भवन (90 मी.) - 22 लाख रुपए

-भवन (110 मी.) - 24 लाख रुपए

-विला (एक) - 45 लाख रुपए

नहीं मिल पाई एनओसी

इसे एमडीए की लापरवाही कहें या कमाई का गोरखधंधा कि प्राधिकरण ने एईआई से बिना एनओसी लिए ही एयरपोर्ट एंक्लेव कॉलोनी लॉंच कर दी बल्कि उस पर निर्माण भी शुरू कर दिया। हालांकि योजना की वैधता पर जब-जब सवाल उठा तो एमडीए ने एईआई से एनओसी प्रक्रिया जारी होने की बात कही। लेकिन एमडीए के सारे दावों की पोल तब खुल गई जब एईआई ने एनओसी दिए जाने से स्पष्ट इंकार कर दिया।

20 किमी तक निर्माण की ना

एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने स्पष्ट कर दिया है कि एयरपोर्ट के 20 किमी की परीधि में कोई निर्माण नहीं किया जा सकता। यहां हैरान करने वाली बात यह एमडीए ने एयरपोर्ट एंक्लेव की एयरपोर्ट से दूरी 174.20 मीटर (पश्चिम से) और (पूर्व से) दूरी 194.74 मीटर रखी गई है। ऐसे में बड़ा सवाल न केवल एयरपोर्ट एंक्लेव की वैधता को लेकर है, बल्कि उसके भविष्य को लेकर भी बड़ा खतरा खड़ा हो गया है।

सवाल ये भी

-प्लेन की लैंडिंग व टेकऑफ के समय तीव्र ध्वनि होती है, जिससे नॉइस पॉल्यूशन का खतरा

-भवनों के ऊपर वाला स्पेस नो फ्लाई जोन में आता है। ऐसे में प्लेन कैसे भरेंगे उड़ान

-एयर टर्बुलेशन यानी वायु दाब के कारण आसपास की भूमि में कंपन पैदा होती है। ऐसे में कॉलोनी को बड़ा खतरा है।

-एआईई के निर्देशानुसार यदि कॉलोनी खतरे में पड़ी तो इस लापरवाही का जिम्मेदार कौन होगा।

-उन आवेदकों का क्या होगा, जिन्होंने योजना में फ्लैट्स बुक कराएं हैं।

-यदि कॉलोनी को एआईई ने अपनी कसौटी पर कसा तो क्या एयरपोर्ट एंक्लेव को ध्वस्त किया जाएगा।

इस तरह का कोई आदेश अभी प्राप्त नहीं हुआ है। यदि ऐसा तो इसका पता लगाया जाएगा। एयरपोर्ट एंक्लेव को लेकर सभी बारीकियों को परखा जाएगा।

-राजेश कुमार, वीसी एमडीए