नाम: अजय कुमार

रैंक: 1

परसेंटेज: 91.20

यूपी बोर्ड इंटरमीडिएट की परीक्षा में सरस्वती बाल मंदिर इंटर के पढ़ने वाले अजय कुमार ने 91.20 प्रतिशत अंक हासिल स्कूल का नाम गौरवान्वित कर दिया। मेधावी छात्र के पिता सालिक राम सोनभ्रद जिला के धरोवर बंधा गांव में किसानी किया करते हैं। बच्चों की पढ़ाई के लिए इन्होंने पांच साल पहले नैनी के शिवनगर में मकान बनवाया था। छात्र की इस सफलता से परिजनों में खुशी की लहर है। अजय का कहना है कि वह सॉफ्टवेयर इंजीनियर बनकर देश की सेवा करना चाहता है। अजय ने इस सफलता का श्रेय अपने स्कूल के प्रिसिंपल व बड़े भाई नीरज को दिया। बड़ा भाई वर्तमान में बीटीसी की तैयारी कर रहा है।

आईपीएस बनना है अमन का सपना

इंटरमीडिएट

अमन सिंह

रैंक: 6

स्कूल: माधव ज्ञान केन्द्र इंटर कॉलेज

इंटरमीडिएट में माधव ज्ञान केंद्र इंटर कॉलेज के अमन सिंह आगे चलकर आईपीएम यानी इंडियन पुलिस सर्विसेज का हिस्सा बनना चाहते हैं। उन्होंने बोर्ड परीक्षा में डिस्ट्रिक्ट लेवल पर छठवीं रैंक हासिल किया। वह कहते हैं कि रोजाना 5 से 6 घंटे पढ़ाई करके सफलता हासिल की जा सकती है। उन्होंने अपनी सफलता का श्रेय माता-पिता और टीचर्स को दिया है। उनके पिता शिवगणेश सिंह एडवोकेट और माता अनीता सिंह हाउस वाइफ हैं। उन्होंने सेल्फ स्टडी करके 500 में 445 अंक अर्जित किए हैं। वह कहते हैं कि कोचिंग जाने से बेहतर है कि खुद से पढ़ाई किया जाए। प्रत्येक टॉपिक को रटने से बेहतर है उसे समझना चाहिए। इससे उसकी प्रत्येक पहलू और बारीकियों का ज्ञान हो जाता है। जो पढ़ा है उसका लगातार रिवीजन भी बेहद जरूरी है। उन्होंने हिंदी में 86, इंग्लिश में 86, मैथ में 93 और फिजिक्स व केमिस्ट्री में 90 अंक हासिल किए हैं।

अभाव में बिटिया ने मारी बाजी

स्वाती शर्मा

रैंक: 6

स्कूल: श्रीनारायण आश्रम बालिका इंटर मीडिएट कॉलेज

श्रीनारायण आश्रम बालिका इंटर मीडिएट कॉलेज के यूपी बोर्ड हाईस्कूल रिजल्ट में स्वाति शर्मा ने डिस्ट्रिक्ट लेवल पर छठवीं रैंक हासिल कर स्कूल और माता-पिता का मान बढ़ाया है। वह कहती हैं कि अभाव में रहकर उन्होंने यह मुकाम हासिल किया है। अगर सपोर्ट मिल जाता तो इससे कही अधिक वह कर सकती थीं। उनके पिता मनोज भी उनकी बात का समर्थन करते हैं। फाफामऊ से छह किमी दूर पिलहापुर में अक्सर बिजली का रोना रहता है। मनोज खुद एक छोटे किसान हैं। स्वाति कहती है वह डॉक्टर बनना चाहती है और इसकी तैयारी के लिए पैसे की आवश्यकता है। सरकार उसकी सहायता करे तो आगे बेहतर पढ़ाई कर सकती है। खेती किसानी के जरिए किसी तरह से पांच लोगों की फैमिली का गुजारा हो पाता है। हालांकि स्वाति की इस सफलता पर स्कूल में खुशी का माहौल रहा और गांव वालों ने भी उन्हें बधाई दी। उन्हें इंटर में कुल 90.16 फीसदी अंक प्राप्त हुए हैं।