RANCHI: भारतीय फौज और पुलिस के जवानों के इस्तेमाल आनेवाला हथियार अब नक्सली संगठनों के पास पहुंच रहा है। नक्सलियों के लाल दस्ते के पास एके-ब्7 रायफल की ोप पहुंच रही है। इस बात का ाुलासा स्पेशल ब्रांच ने किया है। इस बात की जानकारी स्पेशल ब्रांच ने पुलिस हेडक्वार्टर को सौंप दी है। झारांड और बिहार के नक्सली अब सुरक्षाबलों पर इसी मॉडर्न हथियार से हमला बोलने की तैयारी कर रहे हैं। नक्सलियों के साथ पिछले दिनों सिक्योरिटी फोर्सेज की हुई मुठभेड़ में इसका पुता प्रमाण मिला है।

आतंकी संगठन के पास

एके-ब्7 रायफल का इस्तेमाल भारतीय फौज के जवान करते हैं या फिर कश्मीर में एक्टिव आतंकी संगठन। लेकिन अब ये खातरनाक हथियार बिहार झारांड के नक्सलियों तक भारी मात्रा में पहुंच रहे हैं। इतना ही नहीं बिहार-झारांड के कई अपराधकर्मियों के पास भी एके-ब्7 जैसे घातक हथियार पहुंच चुके हैं।

सिमडेगा में मिले थे आ‌र्म्स

सिमडेगा में नक्सलियों के पास से एके-ब्7 रायफल मिला था। यह इस बात का प्रमाण है कि साइन आउट अब नक्सली सुरक्षा बलों के ािलाफ एके-ब्7 जैसे घातक हथियार का इस्तेमाल कर रहे हैं। इससे पुलिस अधिकारी कर सकते में हैं।

आ‌र्म्स की स्मगलिंग

ये तो आपने जान लिया कि अब नक्सली एके-ब्7 जैसे घात हथियार से लैस हो चुके है। पर, यहां सवाल यह उठता है कि आािर ये घातक हथियार नक्सली संगठनों तक पहुंच कैसे रहा है। यकीन मानिए, इसके पीछे की सच्चाई आपको हैरान और परेशान कर देगी। क्योंकि जो ारत की सुरक्षा में लगातार सेंध लगा रहा है, दरअसल वही अब नक्सलियों को एके-ब्7 रायफल ाी मुहैया करा रहा है। कश्मीर में एक्टिव आतंकी संगठन नक्सलियों तक ये ातरनाक हथियारों का जाीरा पहुंचा रहे हैं। एक्सपर्ट की मानें तो कहा जा रहा है कि जब कश्मीर के आतंकी संगठनों का एके-ब्7 रायफल ाराब हो जाता है या फिर पुराना हो जाता है तो उसे नेपाल के रास्ते ारत के नॉर्थ ईस्टर्न राज्यों में पहुंचाया जाता है। इसके लिए रकम ाी तय कर ली जाती है। फिर इन हथियारों को रिपेयर कर इन्हे नेपाल और नॉर्थ ईस्टर्न राज्यों से नक्सलियों को बेचा जाता है।

आईएसआई की है भूमिका

नक्सलियों और क्रिमिनल्स तक हथियार पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका

पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई का है। आतंकी संगठनों को वे लोग ही हथियार की सप्लाई करते हैं। समय-समय पर उनके हथियारों के ोप को बदला जाता है। तब पुराने हथियारों को ठिकाने लगाना मजबूरी हो जाती है।

नक्सलियों ने की है डिमांड

गौरतलब है कि पूर्व प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के प्रेसिडेंट तिलेश्वर साहू से एक कॉलर ने ाुद को दीपकजी बताते हुए उनसे एके-ब्7 की डिमांड की है। डिमांड फोन पर की गई है। उनके निजी सचिव ने चुटिया थाने में एफआईआर दर्ज कराई है।