पीएम द्वारा दिए गए निमंत्रण के बाद अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने की स्वागत की तैयारी

ALLAHABAD: अगले वर्ष संगम की रेती पर लगने वाले कुंभ मेला की तैयारियां तेजी से की जा रही हैं। यूनेस्को से कुंभ मेला को सांस्कृतिक महत्व का दर्जा मिल चुका है। जनवरी में प्रवासी भारतीय सांसदों के सम्मेलन में दुनिया भर से आए सांसदों को पीएम नरेन्द्र मोदी ने कुंभ में आने का न्योता दिया, तो अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने भी प्रवासी भारतीय सांसदों व उनके परिजनों की कुंभ में मेहमाननवाजी के लिए खास तैयारी शुरू कर दी।

स्विस कॉटेज में होगी खातिरदारी

अखाड़ा परिषद द्वारा कुंभ मेला में अलग से शिविर लगाया जाएगा। यह शिविर पूरी तरह से स्विस कॉटेज होगा। कॉटेज कितने बनाए जाएंगे यह दुनिया भर से आने वाले प्रवासी भारतीय सांसदों व उनके परिजनों की संख्या पर निर्भर करेगा। इस तरह प्रवासियों के लिए पर्याप्त व्यवस्था करने की योजना तैयार की गई है। परिषद के अध्यक्ष महंत नरेन्द्र गिरि ने इस बात से सूबे के सीएम योगी आदित्यनाथ को अवगत भी करा दिया है। बता दें कि अखाड़ा परिषद प्रवासी भारतीयों की मेहमाननवाजी करने के साथ उन्हें सम्मानित भी करेगा। कुंभ का जो 'लोगो' शासन से जारी किया गया है, उसे चांदी के कलश में चित्रित किया जाएगा और उसी कलश से प्रवासियों को सम्मानित भी किया जाएगा।

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दिल्ली में हुआ था सम्मेलन

प्रवासी भारतीय सांसदों व मेयर का सम्मेलन नौ जनवरी को नई दिल्ली में आयोजित हुआ था। इसमें पीएम नरेन्द्र मोदी ने संबोधन के जरिए सांसदों व मेयर को कुंभ में शामिल होने का निमंत्रण दिया था। ताकि देश से निकलकर दुनिया में भारतीय संस्कृति की अलख जगाने वाले सांसद खुद उस संस्कृति के संवाहक बने।

देश के प्रधानमंत्री लगातार कुंभ की भव्यता को लेकर संदेश दे रहे हैं। हमारा भी फर्ज बनता है कि दुनिया भर से यहां आने वालों को सनातन संस्कृति की परंपरा से परिचित कराएं। इसलिए जितने भी प्रवासी कुंभ में आएंगे उनकी मेहमाननवाजी की जाएगी और सम्मानित किया जाएगा।

महंत नरेन्द्र गिरि, अध्यक्ष, अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद