- मोबाइल मेडिकल यूनिट पर अखिलेश कैबिनेट की मुहर

-36 जिलों में पहले योजना

170 मोबाइल मेडिकल यूनिट

-60-60 मरीज महीने में देखेगी हर यूनिट

LUCKNOW: ये खबर किसी सौगात से कम नहीं, अगर बीमार हैं और अस्पताल जाने में असमर्थ हैं तो परेशान होने की जरूरत नहीं, बस एक फोन घुमाइए और अस्पताल-डॉक्टर आपकी चौखट पर हाजिर हो जाएंगे। अखिलेश कैबिनेट ने मंडे को 36 जिलों में 170 मोबाइल मेडिकल यूनिट बनाने को मंजूरी दे दी। हर यूनिट महीने में कम से कम 24 जगह जाकर कम से कम 60-60 मरीज देखेगी। सोमवार को मुख्यमंत्री अखिलेश की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट मीटिंग में कुल 29 प्रस्तावों पर मुहर लगायी गयी।

एक में क्लीनिकल लैब, दूजे में डॉक्टर

ऐसे इलाके जहां स्वास्थ्य सेवाएं नहीं पहुंच पाती, वहां स्वास्थ्य विभाग की टीम जाकर इलाज करेगी। कुल 170 मोबाइल यूनिट्स में से तीस जिलों में पांच-पांच यूनिट का फोकस ग्रामीण इलाकों पर होगा, वहीं छह महानगरों की 20 यूनिट मलिन बस्तियों में सक्रिय रहेंगी। हर यूनिट में दो वाहन होंगे, जिनमें से एक में क्लीनिकल लैब व दूसरे में डॉक्टर आदि चलेंगे। यूनिट में लैब टेक्नीशियन, फार्मासिस्ट, ईसीजी, ऑटो एनालाइजर आदि के साथ मेडिकल ऑफीसर भी होंगे। मरीजों की प्राथमिक जांच कर उनका इलाज तुरंत कर दवाएं भी दी जाएंगी। गंभीर मरीजों को एंबुलेंस बुलाकर बड़े अस्पताल भेज दिया जाएगा।

इन जिलों में पांच-पांच यूनिट

सहारनपुर, रामपुर, बरेली, बदायूं, एटा, कासगंज, कन्नौज, कानपुर देहात, फर्रुखाबाद, हरदोई, पीलीभीत, शाहजहांपुर, लखीमपुर खीरी, बस्ती, आजमगढ़, सीतापुर, बहराइच, बाराबंकी, रायबरेली, कौशांबी, इलाहाबाद, श्रावस्ती, गोंडा, फैजाबाद, बलरामपुर, सिद्धार्थ नगर, संत कबीर नगर, गोरखपुर, महाराजगंज, अंबेडकर नगर।

लखनऊ में पांच-पांच यूनिट

शहरी क्षेत्रों में बीस मोबाइल मेडिकल यूनिट स्थापित होंगी, जिनका जोर मलिन बस्तियों में इलाज की सुविधाएं पहुंचाने पर होगा। तय हुआ है कि गौतमबुद्ध नगर व वाराणसी में दो-दो, आगरा व गाजियाबाद में तीन-तीन, कानपुर नगर व लखनऊ में पांच-पांच मोबाइल मेडिकल यूनिट शुरू होंगी।

प्राइवेट सेक्टर की मदद

योजना के अमल में निजी क्षेत्र का भी सहयोग लिया जाएगा। सरकार ने इसे पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) मॉडल से लागू करने की रणनीति बनाई है। पहले चरण में छह महीने के लिए लागू किया जाएगा, फिर इसका विस्तार पांच साल के लिए होगा। पांच साल में पूरी योजना पर 380 करोड़ रुपये खर्च होंगे।

सातवें वेतन आयोग के और करीब

कमेटी गठित, अध्यक्ष चुनने के लिए सीएम अधिकृत

- गोमती रिवरफ्रंट को 1513 करोड़ रुपये देने की स्वीकृति

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रुष्टयहृह्रङ्ख(18 छ्वह्वद्य4): मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की अध्यक्षता में सोमवार को कैबिनेट बैठक में राज्य कर्मचारियों को सातवें वेतन आयोग का लाभ देने के लिए के लिए कमेटी के गठन का प्रस्ताव मंजूर कर लिया गया। कैबिनेट ने राजधानी में गोमती रिवरफ्रंट के लिए 1513 करोड़ दिए हैं। हथकरघा बुनकरों को राज्य सरकार ने पांच सौ रुपये प्रतिमाह पेंशन देने का निर्णय भी लिया है। वहीं राज्य सरकार अपने मद से गांवों में हैंडपंप की स्थापना कराएगी।

सरकार को सिफारिशें सौंपेगी कमेटी

सांतवे वेतन आयोग के लिए गठित कमेटी राज्य सरकार को अपनी सिफारिशें सौंपेगी। कैबिनेट ने मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को कमेटी का अध्यक्ष चुनने के लिए अधिकृत कर दिया है। कमेटी में प्रमुख सचिव नियोजन, प्रमुख सचिव कार्मिक तथा सचिव वित्त को शामिल किया गया है। फिलहाल सातवां वेतन आयोग का लाभ देने के लिए कोई समय-सीमा निर्धारित नहीं की गयी है। माना जा रहा है कि केंद्र द्वारा इस बाबत अधिसूचना जारी करने के बाद राज्य सरकार सितंबर में अनुपूरक बजट की व्यवस्था करेगी जिसके बाद कमेटी की संस्तुतियों के आधार पर सूबे में सातवां वेतन आयोग की सिफारिशें लागू कर दी जाएंगी। कमेटी को छह माह के भीतर अपनी संस्तुतियां राज्य सरकार को देनी होगी। कमेटी से यह भी अपेक्षा की गई है कि संस्तुतियां देते समय वह राज्य के वित्तीय संसाधनों एवं विकास संबंधी अन्य प्रतिबद्धताओं को ध्यान में रखे।

हथकरघा बुनकरों को पेंशन की सौगात

कैबिनेट ने हथकरघा बुनकरों को पेंशन की सौगात भी दी है। समाजवादी हथकरघा बुनकर पेंशन योजना के तहत 60 साल से ऊपर उम्र वाले बुनकरों को पांच सौ रुपये प्रतिमाह पेंशन दी जाएगी। इसके अलावा शारीरिक एवं दृष्टि विकलांग ऐसे बुनकरों जिनकी आयु 50 से 60 साल के बीच है, उन्हें भी यह पेंशन मिलेगी। इसके लिए विकलांग कल्याण विभाग के मानकों का आधार बनाया जाएगा। पेंशन की राशि साल में दो बार आरटीजीएस के जरिए सीधे बैंक खाते में भेजी जाएगी। मालूम हो कि प्रदेश में करीब ढाई लाख हथकरघा बुनकर हैं। इसके अलावा जनेश्वर मिश्र राज्य हथकरघा पुरस्कार योजना में ईनाम की धनराशि को भी बढ़ाया गया है। पहली कैटेगरी में अब पचास हजार की जगह एक लाख, सेकंड केटेगरी में 35 हजार की जगह पचास हजार रुपये दिए जाएंगे। थर्ड केटेगरी में पुरस्कार राशि 25 हजार रुपये ही कायम रखी गयी है।

600 करोड़ से लगेंगे हैंडपंप

सूबे में पानी की समस्या को देखते हुए राज्य सरकार अपने संसाधनों से हैंडपंप स्थापित करायेगी। इस बाबत केंद्र सरकार द्वारा संचालित योजना के बंद होने के बाद उपजी समस्या को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है। इसमें प्रदेश सरकार को अपनी जेब से करीब 600 करोड़ रुपये खर्च करने होंगे। ग्राम्य विकास विभाग इस योजना को अमली जामा पहनाने का काम करेगा। वहीं राज्य पेयजल एवं स्वच्छता मिशन को इसकी नोडल एजेंसी बनाया गया है।

फोर लेन के नियम किए शिथिल

कैबिनेट ने सूबे के कई मार्गो को फोर लेन करने के नियमों में शिथिलता प्रदान करने के प्रस्ताव को भी मंजूर कर लिया है। इसके बाद मैनपुरी में शिकोहाबाद-भोगांव राज्य मार्ग, कानपुर देहात में सिकंदरा-झींझक-रसूलाबाद मार्ग, कन्नौज में तिर्वा से बेला मार्ग को फोर लेन करने का रास्ता साफ हो गया है।

राजपत्रित अधिकारी मिलेगा दर्जा

कैबिनेट ने चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ लैब टेक्नीशियन के पद को राजपत्रित अधिकारी का दर्जा देने के प्रस्ताव को भी मंजूर कर लिया है। इसके अलावा खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग के तहत कार्यरत खाद्य सुरक्षा अधिकारियों को राजपत्रित अधिकारी का दर्जा दिया जाएगा।

गोमती रिवरफ्रंट को 1513 करोड़

रुष्टयहृह्रङ्ख(18 छ्वह्वद्य4): कैबिनेट ने लखनऊ में गोमती रिवरफ्रंट योजना के तहत हार्डिग ब्रिज से वीयर तक गोमती नदी के चैनलाइजेशन की 1513.51 करोड़ की योजना को मंजूरी प्रदान कर दी है। इसके तहत नये कार्य यथा इंटरसेप्टिंग ड्रेन का निर्माण, अतिरिक्त जलापूर्ति, गोमती वीयर के अपग्रेडेशन के लिए रबर डैम का निर्माण, नदी के दोनों किनारों पर हाई मास्ट लगाना, गांधी सेतु एवं वीयर के मध्य पैदल पुल का निर्माण, निशातगंज पुल के डाउन स्ट्रीम में मंदिर एवं मस्जिद के पास पैदल पुलों का निर्माण, म्यूजिकल फाउंटेन, वाटर शो, गोमती बैराज एवं रेलवे पुल दोनों स्थानों पर नदी के वाटर वे की आवश्यकतानुसार दोनों किनारों पर अंडरपास बनाने जैसे कार्य होंगे।

कैबिनेट के अन्य फैसले

-सिद्धार्थनगर स्थित सिद्धार्थ विश्वविद्यालय के प्रथम फेज के लिए 341.62 करोड़ रुपए मंजूर

- राजधानी स्थित डॉ। अंबेडकर ऑडिटोरियम का पजेशन, मेंटीनेंस एवं मैनेजमेंट लखनऊ विकास प्राधिकरण से लेकर डॉ। राम मनोहर लोहिया राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय प्रशासन को वापस करने का निर्णय

- बरेली के नवीन जिला कारागार के निर्माण कार्य की पुनरीक्षित लागत 22392.56 लाख रुपए के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान की गयी है।

-इटावा के नवीन जिला कारागार के निर्माण कार्य की पुनरीक्षित लागत 25226 लाख रुपए के प्रस्ताव को भी मंजूर कर लिया गया है।

- सरयू नहर राष्ट्रीय परियोजना के लिए केंद्र सरकार द्वारा 60 फीसद तथा राज्य सरकार द्वारा 40 फीसद धनराशि का वहन करने के प्रस्ताव को मंजूरी। पहले यह अनुपात 90:10 का था।

- कैबिनेट ने उप्र भूगर्भ जल (अभियन्ता और वैज्ञानिक) सेवा (द्वितीय संशोधन) नियमावली-2016 को मंजूरी प्रदान कर दी है। इसके बाद विभाग में रिक्त चल रहे प्रथम श्रेणी व द्वितीय श्रेणी के पदों को उप्र लोक सेवा आयोग के माध्यम भरा जा सकेगा।

- उप्र वक्फ विकास निगम में कार्यरत नियमित पूर्णकालिक कर्मियों की अधिवर्षता आयु 58 से 60 वर्ष किये जाने के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान कर दी गयी है।

- संतकबीरनगर के ग्राम पंचायत बेलहरकलां एवं बेलहरखुर्द को मिलाकर नगर पंचायत बेलहरकलां बनाये जाने का प्रस्ताव मंजूर।

- मेरठ विकास प्राधिकरण की सीमा का विस्तार का प्रस्ताव मंजूर। इसके तहत खरदौंदा नगर पंचायत, मवाना नगर पालिका परिषद, हस्तिनापुर नगर पंचायत, बहसुमा नगर पंचायत, सरधना नगर पालिका परिषद एवं लावड़ नगर पंचायत तथा 124 राजस्व ग्रामों को मेरठ विकास क्षेत्र की सीमा में सम्मिलित किया गया है।

- बेसिक शिक्षा परिषद के सेवानिवृत्त शिक्षकों तथा शिक्षणेत्तर कर्मचारियों की न्यूनतम पेंशन/पारिवारिक पेंशन 3500 रूपये प्रतिमाह करने का फैसला लिया गया है।

- राज्यव्यापी डायल-100 परियोजना में विशिष्ट कार्यो के लिए अतिरिक्त रूप से 113.1626 करोड़ रुपए मंजूर।

- उप्र अशासकीय अरबी और फारसी मदरसा मान्यता, प्रशासन और सेवा विनियमावली 2016 लागू करने की अनुमति दी है।

- उप्र सचिवालय कंप्यूटर सहायक सेवा (तृतीय संशोधन) नियमावलीए 2016 को लागू करने की अनुमति दी गयी है। इसके बाद कंप्यूटर सहायक संवर्ग में चतुर्थ श्रेणी कार्मिकों की पदोन्नति, मृतक आश्रितों का सेवायोजन, उत्तरांचल विकास विभाग के कार्मिकों के विनियमितीकरण तथा सीधी भर्ती के माध्यम से चयन किया जा सकेगा।

- कैबिनेट ने सैफई में सीवरेज एवं ड्रेनेज का निर्माण त्वरित आर्थिक विकास योजना से कराने के लिए शर्तो में छूट प्रदान की है। इस पर करीब 10778.62 लाख रुपए की लागत आनी है।