- यूपी कैबिनेट की बैठक में सोमवार को बुजुर्गो के लिए नई नीति घोषित

- एक परिसर में वृद्धाश्रम व अनाथालय के निर्माण तथा संचालन के लिए भूमि का आरक्षण

LUCKNOW: मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की अध्यक्षता में सोमवार को कैबिनेट में राज्य वरिष्ठ नागरिक नीति को अनुमोदित कर दिया गया। इसके तहत राज्य में वरिष्ठ नागरिकों के हितों की सुरक्षा के लिए विभिन्न क्षेत्रों में कार्य किए जाएंगे। प्रदेश सरकार सूबे के वरिष्ठ नागरिकों का ख्याल रखने के लिए कई अहम योजनाओं की शुरुआत करेगी। इसके लिए बाकायदा एक फंड बनेगा। साथ ही स्वयंसेवी संस्थाओं इत्यादि से कर रहित दान भी लिया जाएगा। वृद्धाश्रमों की स्थापना होगी। नवीन योजनाओं के मास्टर प्लान में एक ही परिसर में वृद्धाश्रम व अनाथालय के निर्माण तथा संचालन के लिए भूमि का आरक्षण किया जाएगा।

एक ही परिसर में वृद्धाश्रम व अनाथालय

स्वैच्छिक संस्थाओं द्वारा एक ही परिसर में वृद्धाश्रम एवं अनाथालय के निर्माण तथा संचालन के लिए प्रस्ताव प्राप्त होने पर भूमि उपलब्ध कराने की व्यवस्था तथा वृद्धाश्रम व अनाथालय के संचालन के लिए भवन निर्माण कर, प्रतिष्ठित स्वयंसेवी संस्थाओं को संचालन के लिए उपलब्ध कराएंगे। ऐसे वृद्धाश्रमों में कम से कम 25 प्रतिशत सीटें बीपीएल श्रेणी के वरिष्ठ नागरिकों के लिए आरक्षित की जाएगी और इन्हें नि:शुल्क आवासीय सुविधा एवं भोजन उपलब्ध कराया जाएगा। राज्य सरकार द्वारा उप्र माता-पिता एवं वरिष्ठ नागरिक भरण-पोषण नियमावली, 2014 के अंतर्गत स्थापित वृद्धाश्रमों के रखरखाव एवं संचालन के लिए नियमानुसार चयनित स्वयं सेवी संस्थाओं को अनुदान दिया जाएगा। ऐसे वृद्धाश्रमों में अशक्त एवं असहाय वरिष्ठ नागरिकों को आवासीय एवं भोजन आदि की व्यवस्था मुफ्त प्रदान की जाएगी।

नियामक इकाई का होगा गठन

वृद्धाश्रमों से सम्बन्धित नीति विषयक प्रकरणों के निर्धारण, अनुश्रवण व अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए समाज कल्याण विभाग के अन्तर्गत एक वृद्धाश्रम नियामक इकाई का गठन किया जाएगा। जिसकी अध्यक्षता निदेशक समाज कल्याण करेंगे तथा विभागीय संयुक्त निदेशक इसके सदस्य सचिव, संयोजक होंगे। वरिष्ठ नागरिकों को आवास-क्रय एवं वृहद मरम्मत के लिए सहजतापूर्वक कम दर पर लोन प्रदान करने तथा किश्तें अदा करने की व्यवस्था की जाएगी। वरिष्ठ नागरिकों को स्वास्थ्य सुविधाएं प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र स्तर पर तथा सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र स्तर पर उपलब्ध कराई जाएंगी।

सौ रुपये प्रतिमाह का राज्यांश बढ़ाया

वृद्धावस्था पेंशन की धनराशि में राज्य सरकार द्वारा राज्यांश में 100 रुपए प्रतिमाह की वृद्धि करते हुए वृद्धावस्था पेंशन की धनराशि 400 रुपए प्रतिमाह आगामी एक अप्रैल, 2016 से की जाएगी। वरिष्ठ नागरिकों को जीवन एवं सम्पत्ति की सुरक्षा प्रदान करने के लिए हेल्पलाइन की स्थापना होगी। निरक्षर वरिष्ठ नागरिकों को साक्षर बनाने का कार्य किया जाएगा तथा वरिष्ठ नागरिकों को उनके अधिकारों के बारे में शिक्षित एवं जागरूक किया जाएगा। स्कूल, कॉलेजों में दादा-दादी एवं नाना-नानी दिवस मनाए जाएंगे जिसमें परिवार के वरिष्ठ सदस्यों को विशेष रूप से आमंत्रित किया जाएगा और उनकी रुचि के अनुसार कार्यक्त्रम प्रस्तुत किए जाएंगे।

और भी कई योजनाएं

- वरिष्ठ नागरिकों के लिए मनोरंजन केन्द्रों, बहुउद्देशीय नागरिक सेवा केन्द्रों, डे-केयर सेण्टर, बहुउद्देशीय मनोरंजन केन्द्रों एवं अल्पकालिक निवास केन्द्रों का गठन होगा

- विभिन्न मनोरंजक कार्यक्त्रमों, सांस्कृतिक व सामाजिक कार्यक्त्रमों, मेलों, प्रदर्शनी, पाकरें आदि में भाग लेने के लिए वरिष्ठ नागरिकों को प्रवेश मुफ्त या रियायती दर पर उपलब्ध कराने की व्यवस्था की जाएगी।

- तहसील दिवस, थाना दिवस आदि में वरिष्ठ नागरिकों से प्राप्त प्रार्थना पत्रों, शिकायतों का निस्तारण प्राथमिकता पर किया जाएगा एवं इसकी अलग से समीक्षा सम्बन्धित जनपद स्तरीय अधिकारियों द्वारा की जाएगी।

- वृद्ध महिलाओं को विधिक सहायता मुफ्त एवं उनके निवास पर ही उपलब्ध कराई जाएगी। विभिन्न आवासीय योजनाओं में आरक्षण के अन्तर्गत वरिष्ठ महिलाओं को प्राथमिकता दी जाएगी।

- वरिष्ठ नागरिकों के लिए राज्य स्तर पर वरिष्ठ नागरिक कल्याण निधि की स्थापना होगी। इस निधि में सरकारए निजी क्षेत्र की कम्पनियों, ट्रस्टों, धर्मार्थ संस्थाओं व निजी व्यक्तियों से प्राप्त सहायता अथवा दान राशि जमा कराई जाएगी तथा ऐसी धनराशि को कर मुक्त किया जाएगा। निधि की स्थापना राज्य सरकार के पांच करोड़ रुपए के योगदान से होगी।

- मुख्य सचिव की अध्यक्षता में अन्तर्विभागीय समिति का गठन किया जाएगा। निदेशालय समाज कल्याण के अन्तर्गत उप्र राज्य वरिष्ठ नागरिक नीति प्रकोष्ठ का गठन होगा। वरिष्ठ नागरिकों की समस्याओं के निदान के लिए डीएम की अध्यक्षता में जनपद स्तरीय वरिष्ठ नागरिक समिति का गठन होगा। प्रदेश स्तर पर उप्र राज्य वरिष्ठ नागरिक काउन्सिल का गठन मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में किया जाएगा।