- सीएम रहते हुए तोड़ा नियम, चुप्पी साधे रहा पीडब्ल्यूडी और राज्य संपत्ति विभाग

- बंगले में तोड़फोड़ के मामले की भी लीपापोती शुरू, महज छह लाख का नुकसान दर्शाया

LUCKNOW :

पूर्व मुख्यमंत्री के नाम पर आवंटित बंगला छोड़ते समय उसमें की गयी तोड़फोड़ सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के लिए तमाम नई मुसीबतें लेकर आई है। पीडब्ल्यूडी विभाग ने तोड़फोड़ से हुए नुकसान का आकलन करने के दौरान यह खुलासा भी किया है इसमें अखिलेश ने मुख्यमंत्री रहने के दौरान 4.68 करोड़ रुपये का अवैध निर्माण भी कराया। इसके लिए पीडब्ल्यूडी अथवा राज्य संपत्ति विभाग से कोई अनुमति नहीं ली गयी। वहीं दूसरी ओर जांच समिति द्वारा बताए गये करीब छह लाख के नुकसान को लेकर भी तमाम सवाल उठने लगे हैं। माना जा रहा है कि इस मामले में सपा प्रमुख को राहत देने की कोशिश की गयी है।

डेढ़ लाख के सेनेट्री फिक्चर्स गायब

रिपोर्ट में चार, विक्रमादित्य मार्ग स्थित बंगले से करीब डेढ़ लाख रुपये के सेनेट्री फिक्चर्स का नुकसान होने का उल्लेख किया गया है। साथ ही मुख्य आवासीय भवन का फर्श तोड़े जाने से 64,822 रुपये के नुकसान का अनुमान लगाया गया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि बंगले में राज्य संपत्ति विभाग और पीडब्ल्यूडी द्वारा निर्मित मूल आवास के अतिरिक्त कराए गये सिविल एवं विद्युत संबंधी कार्य में करीब 5.58 करोड़ की लागत आई थी। इसमें से एक मंजिला अतिथि गृह, सुरक्षा एवं प्रतीक्षालय भवन पीडब्ल्यूडी द्वारा निर्मित किया गया था जिसपर करीब 90 लाख रुपये खर्च हुए। इसके अलावा जांच समिति ने बंगले में इतर अन्य कार्यो की लागत करीब 4.68 करोड़ रुपये बताई है। इसके निर्माण के लिए पीडब्ल्यूडी और राज्य संपत्ति की कोई अनुमति नहीं ली गयी। हैरत की बात यह है कि तत्कालीन अफसरों ने इस अवैध निर्माण पर चुप्पी साधे रहना ही बेहतर समझा।

ये हुआ नुकसान (रुपये में)

- मुख्य आवासीय भवन का फर्श - 64,822

- मुख्य आवासीय भवन में सेनेट्री फिक्चर्स- 32,816

- अतिथि गृह में ब्रिक वर्क, प्लास्टर, पेंट, सेनेट्री फिक्चर्स- 2,96,278

- सुरक्षा एवं प्रतीक्षालय भवन में सेनेट्री फिक्चर्स- 1,90,106

कुल योग - 5,84,024

चोरी और उस पर सीनाजोरी

राज्य सरकार के प्रवक्ता सिद्धार्थ नाथ सिंह ने कहा कि जांच में बंगले में तोड़फोड़ की पुष्टि हुई है। इसके बावजूद सपा चोरी और उस पर सीनाजोरी की कहावत को चरितार्थ कर रही है। राज्यपाल की चिट्ठी के आधार पर जांच कराई गई थी। इसमें सरकार और कानून अपना काम करेगा। बंगले में तमाम निर्माण की राज्य संपत्ति विभाग से अनुमति नहीं ली गई। अखिलेश ने हमारे ऊपर इतने आरोप लगा दिये जिससे पता चलता है कि चोर की दाढ़ी में तिनका था।

बदनाम करने की साजिश

समाजवादी पार्टी के मुख्य प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने कहा कि यह जांच रिपोर्ट सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव को बदनाम करने की साजिश है। रिपोर्ट के मुताबिक जो भी नुकसान हुआ है, उसकी भरपाई कर दी जायेगी।