- गड़बड़ी मिलने पर राज्य संपत्ति विभाग इश्यू करेगा नोटिस

- खाली कराये गए सभी बंगलों के सामान का होगा मिलान

राज्य संपत्ति विभाग जांच कराएगा
lucknow@inext.co.in
LUCKNOW : पूर्व सीएम अखिलेश यादव को अलॉट रहे सरकारी बंगले समेत खाली कराये गए सभी बंगलों में तोड़फोड़ की राज्य संपत्ति विभाग जांच कराएगा। विभाग ने इन बंगलों के सामान की लिस्ट बनानी शुरू कर दी है। इनका रिकॉर्ड से मिलान कराया जाएगा। किसी भी किस्म की गड़बड़ी मिलने पर आवंटियों को नोटिस इश्यू की जाएगी। उधर, बंगले में तोड़फोड़ की तस्वीरें सामने आने के बाद सियासत भी गर्म हो गई है। जहां समाजवादी पार्टी ने इसे योगी सरकार के इशारे पर अखिलेश की छवि को धूमिल करने का आरोप लगाया है वहीं, प्रदेश सरकार के मंत्री स्वतंत्रदेव सिंह ने बंगले में तोड़फोड़ को सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवहेलना बताते हुए मामले की जांच की मांग की है।

सभी बंगलों की जांच का फैसला
अखिलेश यादव को आवंटित सरकारी बंगले में जमकर तोड़फोड़ को देखते हुए सभी बंगलों की जांच का फैसला लिया गया है। इनमें मुलायम सिंह यादव, कल्याण सिंह, राजनाथ सिंह और मायावती के बंगले हैं। इन सभी ने आवास खाली करने के बाद चाबी राज्य संपत्ति विभाग को सौंप दी है। जबकि, पूर्व सीएम नारायण दत्त तिवारी का सरकारी आवास अभी खाली नहीं हुआ है।

रिकॉर्ड से होगा मिलान
राज्य संपत्ति अधिकारी योगेश शुक्ला ने बताया कि खाली किये गए सभी बंगलों का रिकॉर्ड से मिलान कराया जाएगा। सभी निर्माण व सामान आदि का ब्योरा विभाग के पास मौजूद है। उन्होंने बताया कि अगर यह तथ्य जानकारी में आया कि जानबूझ कर तोड़फोड़ की गई है या सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाया गया है तो संबंधित आवंटी को नोटिस इश्यू की जाएगी और रिकवरी की कार्रवाई भी होगी।

'जो सामान हमारा था, हम वही ले गए'
पूर्व सीएम आवास से सामान निकाल ले जाने की चर्चाओं पर सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने रविवार को मैनपुरी में जवाब दिया। कहा, जो सामान हमारा था हम वही ले गए। भाजपाई ये अफवाह फैलाकर हमें बदनाम करना चाहते हैं, चुनाव तक अभी और भी भ्रम फैलाएंगे। रविवार को गांव जौराई में एक निजी कार्यक्रम में शिरकत करने पहुंचे अखिलेश ने आयोजित जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि आज भी मुख्यमंत्री के सरकारी आवास पांच कालीदास मार्ग में हमारी खरीदी जाली, झूमर, पेड़ व बनवाए मंदिर हैं। सीएम योगी पर तंज कसते हुए उन्होंने कहा कि योगी जहां चुनाव प्रचार करने जाते हैं, वहां भाजपा के पक्ष में परिणाम नहीं आते। कैराना में भी यही हुआ।

आरोप प्रत्यारोप का सिलसिला तेज
इस बीच अखिलेश के चार विक्रमादित्य मार्ग स्थित सरकारी बंगले में तोड़फोड़ को लेकर आरोप-प्रत्यारोप का दौर तेज हो गया है। परिवहन मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने कहा कि बंगले में तोड़फोड़ नहीं करनी चाहिए थी। यह सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की अवहेलना है। इसकी जांच होनी चाहिए। वहीं सपा के मुख्य प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने कहा कि अपनी सरकार की बदनामी से ध्यान बंटाने के लिए भाजपा सरकार ने साजिशन यह रणनीति बनाई। विधान परिषद सदस्य सुनील साजन ने कहा कि सरकारी बंगले की चाबी राज्य संपत्ति विभाग को सौंपने केबाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर बंगले के अंदर तोड़फोड़ हुई। ऐसा अखिलेश यादव की छवि को धूमिल करने के लिए किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि उपचुनावों में एक के बाद एक हार से बाद से मुख्यमंत्री निराश हैं और हताशा में इस तरह के कदम उठाए जा रहे हैं।