अक्षय तृतीया : तिहरी मार से सन्नाटे में सर्राफा बाजार

हड़ताल ने तोड़ी कमर, सोने का बढ़ा भाव व विपरीत ग्रह नक्षत्र से सकते में सर्राफा कारोबारी

- महाराष्ट्र से नहीं आ पा रही फैंसी ज्वैलरी, ठंडे कारोबार के डर से पूंजी लगाने को तैयार नहीं व्यापारी

ALLAHABAD: सोना-चांदी के साथ आभूषणों की खरीदारी कर भाग्य उदय का पर्व अक्षय तृतीया इस बार नौ मई को है। पर्व को एक सप्ताह बचा है लेकिन सर्राफा कारोबारियों व इलाहाबाद के सर्राफा बाजार में अधिक उत्साह नहीं दिख रहा है। क्योंकि 48 दिन तक लगातार चली हड़ताल, जबर्दस्त घाटा और फिर हड़ताल के बाद सोने के बढ़े हुए दाम से सर्राफा बाजार व सर्राफा कारोबारी सन्नाटे में हैं। व्यापारी अक्षय तृतीया के लिए बची-खुची पूंजी बाजार में लगाने को तैयार नहीं हैं।

ग्रह नक्षत्रों ने तोड़ी उम्मीद

रही-सही उम्मीदें ग्रह नक्षत्रों के संयोग ने ध्वस्त कर दीं, जो इस साल देश भर के लोगों के साथ ही सर्राफा कारोबारियों के लिए भी विपरीत है। क्योंकि इस साल मई, जून और जुलाई महीने में शादी-विवाह का कोई भी शुभ संयोग नहीं है। जिसकी वजह से कारोबार ठंडा रहने की उम्मीद है। क्योंकि पिछले कई वर्षो से अक्षय तृतीया पर व आगे के महीनों में शादी विवाह का संयोग होता था, जिसकी वजह से लोग शुभ संयोग में सोना-चांदी व आभूषणों की खरीददारी करते थे।

तीस हजारी हुआ सोना

हड़ताल समाप्त होने के बाद सर्राफा कारोबारियों ने व्यापार संभाला तो सोने का भाव आसमान चढ़ गया। पिछले वर्ष जहां अक्षय तृतीया पर सोने का भाव 28 हजार रुपये प्रति दस ग्राम था। वहीं इस बार सोने का रेट 30 हजार रुपये प्रति दस ग्राम के पार चल रहा है।

क्षय नहीं होता है सोना

वैदिक मान्यता के मुताबिक इस दिन सूर्य और चंद्र दोनों का ही प्रकाश चरम पर होता है। इसी दिन विष्णु अवतार भगवान परशुराम का जन्म भी हुआ था। साथ ही यह भी मान्यता है कि इसी दिन से विश्व में स्वर्ण युग का आरम्भ हुआ था। मान्यता है कि इस दिन खरीदी गयी वस्तु का कभी क्षय नहीं होता, जिसके चलते इसे अक्षय तृतीया कहा जाता है। इस मान्यता के चलते अक्षय तृतीया के दिन लोग सोने, चांदी या हीरे के आभूषणों की खरीद में ज्यादा रुचि लेते हैं। उनका मानना है कि अक्षय तृतीया के दिन की जाने वाली खरीदारी शाश्वत समृद्धि का प्रतीक है और घर में सुख और समृद्धि लाती है।

नहीं आ रही फैन्सी ज्वैलरी

यूपी के साथ ही देश भर में बड़े पैमाने पर महाराष्ट्र में बनने वाली ज्वैलरी पसंद की जा रही है। 42 दिनों तक चली हड़ताल की वजह से मुंबई में मैनुफैक्चरिंग यूनिट में काम अभी बंद है। इससे फैंसी ज्वैलरी नहीं आ पा रही है। हालांकि धीरे-धीरे काम शुरू होने की उम्मीद है।

42 दिन तक लगातार चली हड़ताल ने सर्राफा कारोबारियों की कमर तोड़ कर रख दी है। जिसकी वजह से इस साल अक्षय तृतीया को लेकर सर्राफा कारोबारियों में कोई उत्साह नहीं है। अभी तक तो लोग केवल अपने बिजनेस को रूटीन में लाने में लगे हैं।

हरी कृष्ण चौरसिया

अध्यक्ष इलाहाबाद सर्राफा एसोसिएशन

सोने का भाव बढ़ने और अक्षय तृतीया के पहले शुक्र अस्त होने की वजह से इस बार सोने की बहुत ही कम बिक्री होने की उम्मीद है। पिछले साल का आंकड़ा छूना तो मुश्किल दिखाई दे रहा है। कुछ लोगों को छोड़ दिया जाए तो मार्केट में सन्नाटा ही रहेगा।

कुलदीप सोनी

अध्यक्ष

प्रयाग सर्राफा मंडल

इस बार अक्षय तृतीया के पहले 29 अप्रैल की शाम सात बज कर 30 मिनट पर वृद्ध अवस्था का दोष लग चुका है। जिसके चलते विवाह कार्य का कोई शुभ संयोग नहीं है। आभूषणों को सौभाग्य का प्रतीक माना जाता है, इसलिए शुभ संयोग न होने की वजह से लोग शादी विवाह के लिए सोने की खरीददारी नहीं करेंगे।

आशुतोष वाष्र्णेय

ज्योतिषाचार्य

ग्रह नक्षत्रम ज्योतिष संस्थान