PATNA : करीब ब्0 दिनों की हड़ताल और एक्साइज टैक्स को लेकर चल रहे विवादों के बीच स्वर्ण व्यवसायी अब अक्षय तृतीया की तैयारी में जुट गए हैं। इस बीच अप्रैल में शुरू हुई शादियों के सीजन का एक दौर बीत चुका है। मई-जून में ब्रेक के बाद अब जुलाई में ही एक बार फिर शहनाई बजेगी। इस बीच सोने-चांदी की कीमतें उछाल पर हैं। सोना पिछले दो सालों के उच्चतम स्तर पर है, जबकि चांदी मई ख्0क्भ् के बाद अपने उच्चतम स्तर पर जा पहुंचा है।

कीमतों पर कंट्रोल नहीं, इंटरनेशनल मार्केट और सटोरियों का प्रभाव

विशेषज्ञों की मानें तो इंडिया में सराफा मार्केट की कीमतों को तय करने या नियंत्रण के लिए कोई प्रभावी कानून नहीं है। इसके साथ-साथ सोने और चांदी का ज्यादातर हिस्सा विदेशों से आयात होता है, जिसके कारण यहां सोने-चांदी की कीमतें अंतरराष्ट्रीय बाजार, डॉलर का मूल्य और सटोरियों की चाल से तय होती हैं। इसके अलावा मार्च-अप्रैल के महीने में एक्साइज टैक्स के विरोध में सराफा व्यवसायियों के हड़ताल से आयात पर असर पड़ा। अब शादियों के सीजन और अक्षय तृतीया को लेकर सोने की डिमांड बढ़ी है लेकिन उतना सोना उपल?ध नहीं है जो एक और बड़ी वजह है सोने की कीमतों में बढ़ोतरी की।

फ् मई ख्0क्म् की रेट

सोना (ख्ब्कैरेट) फ्0,फ्00 रु। प्रति क्0 ग्राम

सोना (ख्ख्कैरेट) ख्9,ख्00 रु। प्रति क्0 ग्राम

चांदी ब्क्,भ्00 रु। प्रति किलो

भ् सालों में सोने का उच्चतम स्तर

ख्क् नवंबर ख्0क्भ् ख्8,क्99 रुपए

क्ब् मार्च ख्0क्ब् फ्0,म्88 रुपए

ख्8 अगस्त ख्0क्फ् फ्ब्,9भ्फ् रुपए

ख्म् नवंबर ख्0क्ख् फ्ख्,ब्भ्0 रुपए

8 दिसंबर ख्0क्क् ख्9,फ्म्9 रुपए

पिछले ब् महीने में सोने की कीमतें

जनवरी ख्0क्म् ख्म्,000 रु। प्रति क्0 ग्राम

फरवरी ख्0क्म् ख्म्,भ्00 रु। प्रति क्0 ग्राम

मार्च ख्0क्म् सराफा व्यवसायियों की हड़ताल

अप्रैल ख्0क्म् फ्0,ख्00-फ्0,भ्00 रु। प्रति क्0 ग्राम

सोने-चांदी की कीमतें पिछले चार महीने से लगातार बढ़ रही हैं, जिसके पीछे कई वजहें हैं। हालांकि अब अक्षय तृतीया तक कीमतों में और उतार-चढ़ाव की संभावना नहीं है। अक्षय तृतीया के दिन बिजनेस अच्छा होने की संभावना है, पिछले कुछ सालों में ये लगातार बढ़ रहा है। हालांकि शादियों के सीजन में ब्रेक के कारण इस बार सेल पर असर पड़ सकता है-

-विनोद कुमार, अध्यक्ष, पाटलिपुत्र सराफा संघ