संगम और दशाश्वमेध घाट पर श्रद्धालुओं ने किया स्नान और दान

ALLAHABAD: वैशाख शुक्ल पक्ष तृतीया शनिवार को अक्षय तृतीया का पर्व आस्था और श्रद्धा भाव के साथ मनाया गया। हालांकि अक्षय तृतीया का मान 28 अप्रैल को दोपहर 1.10 बजे से ही था लेकिन उदया तिथि की वजह से तृतीया का मान शनिवार को सुबह 10.42 बजे तक रहा। यही वजह रही कि अक्षय पुण्य की कामना लेकर श्रद्धालुओं ने पुण्य की डुबकी लगाई तो संगम से लेकर दशाश्वमेध घाट तक जल से भरा घड़ा और अन्न का दान किया गया।

तृतीया पर भोर से ही घाटों पर श्रद्धालुओं की भीड़ होने लगी थी। खासतौर से संगम में पुण्य की डुबकी लगाने के लिए श्रद्धालु पहुंचते रहे। 33 कोटि देवी-देवताओं का स्मरण कर श्रद्धालुओं ने स्नान किया। स्नान के बाद श्रद्धालुओं ने सबसे ज्यादा पुरोहितों को जल से भरा घड़ा दान किया। साथ ही अपने पूर्वजों का ध्यान करके गेहूं, चना, सत्तू और चावल जैसे अन्न का भी दान किया। वहीं स्थिर लग्न में सुबह 6.19 से लेकर 8.15 बजे तक बंधवा स्थित बड़े हनुमान जी मंदिर और दारागंज स्थित भगवान वेणीमाधव मंदिर में पूजन-अर्चन भी किया गया।

मार्केट गुलजार, खूब हुई खरीदारी

अक्षय तृतीया के अवसर पर ज्वेलरी शोरुमों में ग्राहकों की भारी भीड़ दिखाई दी। मान्यता है कि तृतीया पर खरीदी गई वस्तु का कभी क्षय नहीं होता है। एक तो अक्षय तृतीया और दूसरे सहालग का सीजन। इसलिए शोरुमों में 22 से लेकर 24 कैरेट सोने के आभूषणों की ग्राहकों ने जमकर खरीदारी की। आधुनिक ज्वेलर्स, राजवंश ज्वेलर्स, न्यू विजूषा ज्वेलर्स व राणा ज्वेलर्स सहित शहर के विभिन्न शोरुमों में देर शाम तक खरीदारी चलती रही। महिलाओं ने सोने का हार, ब्रेसलेट व कंगना खरीदने में दिलचस्पी दिखाई तो गली-मोहल्लों में स्थित शो रूमों में भी सोने की खरीदारी की गई।