- एकेटीयू ने 75 प्रतिशत अटेंडेंस न पर नहीं शामिल होने दिया एग्जाम में

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LUCKNOW : एकेटीयू की इवेन सेमेस्टर एग्जाम बुधवार से शुरू हो गए. यूनिवर्सिटी प्रशासन ने अटैंडेंटस शॉर्ट होने के चलते दो हजार से अधिक स्टूडेंट्स को सेमेस्टर एग्जाम में शामिल होने से रोक दिया. वहीं एग्जाम के पहले ही दिन पूरे प्रदेश में करीब चार हजार स्टूडेंट्स अब्सेंट रहे. पूरे स्टेट में एग्जाम के लिए 109 सेंटर्स बनाए गए हैं.

एक हजार की अटेंडेंस सही गई

टेक्निकल यूनिवर्सिटी ने पिछले साल से ऑनलाइन अटेंडेंस मैनेजमेंट सिस्टम एएमएस की शुरूआत की है. इसमें शिक्षकों को क्लास लेने के तुरंत बाद ही स्टूडेंट्स की उपस्थिति का रिकार्ड ऑनलाइन एकेटीयू को भेजना होती हैं. पिछले साल स्टूडेंट्स को एकेटीयू ने इसे छूट दे दी थी. लेकिन इस बार एएमएस पर जितने भी स्टूडेंट्स की उपस्थित 75 प्रतिशत से कम पाई गई है. उनको सेमेस्टर एग्जाम में शामिल होने से रोक दिया गया. यूनिवर्सिटी प्रशासन के अनुसार स्टेट के इंजीनियरिंग व मैनेजमेंट कॉलेजों के करीब 2 हजार स्टूडेंट्स को एग्जाम देने से रोका गया है. अभी तीन दिनों के भीतर कॉलेजों ने करीब एक हजार स्टूडेंट्स की उपस्थित सही कराई है. एग्जाम कंट्रोलर प्रो. राजीव कुमार ने बताया कि एग्जाम में शामिल होने के लिए हर स्टूडेंट्स का 75 प्रतिशत उपस्थिति अनिवार्य हैं. वहीं स्पेशल केस में 60 प्रतिशत उपस्थिति वालों को भी एग्जाम में शामिल किया जा सकता है.

पकड़े गए 20 नकलची

प्रो. राजीव कुमार ने बताया कि इवेन सेमेस्टर एग्जाम के लिए स्टेट में 109 एग्जाम सेंटर्स बनाए गए हैं. पहले दिन परीक्षा में कुल 66 हजार स्टूडेंट्स को शामिल होना था, लेकिन इसमें से 4 हजार स्टूडेंट्स ने ही एग्जाम नहीं दिया. वहीं अनुचित साधनों का प्रयोग करते हुए बीस स्टूडेंट्स को पकड़ा गया है. इसमें कुछ स्टूडेंट्स एग्जाम रूम में मोबाइल के साथ एग्जाम देते पकड़े गए हैं. प्रशासन के अनुसार एग्जाम रूम में मोबाइल ले जाने पर प्रतिबंध है. वहीं सेमेस्टर एग्जाम में प्रदेश से करीब 2 लाख 39 हजार स्टूडेंट्स शामिल हो रहे हैं.

कंट्रोल रूम से रखी जा रही नजर

प्रो. राजीव कुमार ने बताया कि सेमेस्टर एग्जाम को सफलतापूर्वक सम्पन्न कराने के लिए कंट्रोल बनाया गया है. जहां से एग्जाम पर नजर रखी जा रही है. कॉलेजों को ऑनलाइन प्रश्न पत्र भेजने से लेकर कॉलेजों को लॉग इन करने में होने वाली दिक्कतों का हल यही से किया जाता है. साथ ही सेंटर्स को किसी भी तरह की मुश्किल होने पर वह कंट्रोल रूम से सम्पर्क कर सकते हैं.