साजिश, पैसा, शराब और हथियार की राजनीति

आखिरकार आरोपी पकड़ा गया। पिछले एक सप्ताह में 50 हजार लीटर शराब पकड़ी जा चुकी है। जो नहीं पकड़ी गई, उसका अंदाजा आप लगा सकते है। दो दिन पहले बरेली में हथियार पकड़े गए थे, जो मेरठ आ रहे थे। बात यहीं खत्म नहीं होती। आज नकली करेंसी भी पकड़ी गई। साजिश, पैसा, शराब और हथियार की राजनीति के बीच प्रशासन की कोशिश निषपक्ष चुनाव की है। पोलिंग पार्टियां अपने-अपने बूथों को रवाना हो गई हैैं। पोलिंग पर्सेंटेज अधिक से अधिक हो, इसकी जिम्मेदारी आप पर है

नकली नोट बांटने की तैयारी

चुनावों में नकली शराब की तरह अब नकली नोट भी बांटे जा रहे हैं। चुनाव के चलते नकली नोटों की एक बड़ी डील शनिवार को होनी थी। वोटिंग से पहले वोटर्स को वोट के बदले नकली नोट बांटने की तैयारी थी। लेकिन इससे पहले ही पाकिस्तान से भेजी गई नकली करेंसी मेडिकल पुलिस ने पकड़ ली। करेंसी के साथ आरोपी पकड़ा गया लेकिन जिसके साथ डील होनी थी वह पकड़ में नहीं आया।

ऐसे पकड़ा गया

पुलिस और एसटीएफ को सूचना मिली कि मेडिकल क्षेत्र में नकली नोटों की बड़ी डील होने वाली है। पुलिस डील करने वालों की तलाश में सुबह से ही लग गई थी। मुखबिर भी आसपास ही था। जो डील करने वालों को जानता था। फिर मेडिकल कॉलेज के पास गढ़ रोड पर एक व्यक्ति बैग के साथ दिखाई दिया। मुखबिर का इशारा हुआ और पुलिस समझ गई थी। इस बैग वाले को पुलिस ने धर दबोचा।

एक लाख अस्सी हजार

एसटीएफ और मेडिकल पुलिस ने बैग की तलाशी ली तो उसमें नोटों के बंडल थे। ये सभी नोट नकली थे। फिर आरोपी को पकडक़र थाने ले जाया गया। जहां सभी नोटों को निकालकर सामने रखा गया। आरोपी से पूछताछ की गई। नोटों की डीलिंग करने आया यह व्यक्ति सहारनपुर का मेहरबान पुत्र इब्राहिम है। मेहरबान ने मेरठ के किसी व्यक्ति से डील की थी। जिसको एक लाख अस्सी हजार रुपए देने थे। जिसमें 149 नोट एक हजार के और 62 नोट पांच सौं के थे. 

दिल्ली में होता है तय

मेहरबान ने पूछताछ के दौरान बताया कि यह नोट इंडिया में पाकिस्तान से वाया समझौता एक्सप्रेस आते हैं। दिल्ली में एजेंट इनको पिकअप करते हैं। इसके बाद यहां से तय होता है कि ये नोट किसको देने हैं। मेहरबान भी ये नोट दिल्ली से लेकर आया था। इसने बताया कि वह पहले भी लाखों रुपए सप्लाई कर चुका है। मेहरबान को एक लाख के नकली नोटों के बदले बीस हजार रुपए मिलते हैं। यानि एक लाख देता है और बीस हजार मिलता है।

आर्थिक व्यवस्था पर चोट

इंडिया में आए दिन फेक करेंसी पकड़ी जाती है। करोड़ों अरबों रुपए की फेक करेंसी अब तक पकड़ी जा चुकी है। यह सब करेंसी पाकिस्तान से इंडिया तक पहुंचती है। इस फेक करेंसी को पाकिस्तान से इंडिया ट्रांसफर का मकसद साफ है। पाकिस्तान इंडिया की आर्थिक व्यवस्था पर चोट करना चाहता है। नकली नोटों से इंडिया को कमजोर बनाना चाहता है।

वोट से पहले नोट

चुनाव के दौरान वोटिंग से पहले नकली करेंसी की डीलिंग किसी खास मकसद के लिए थी। यानि चुनाव से पहले वोट के बदले नोट बंटने थे। सूत्रों की मानें तो ये नोट ऐसे इलाकों में बांटे जाने थे जहां लोग कम पढ़े लिखे हैं। यहां वोट के बदले नोट दिए जाने थे। पुलिस अभी मुख्य आरोपी तक नहीं पहुंच पाई है। तलाश जारी है।