निर्जला व्रत रखकर वट वृक्ष का विधि-विधान पूर्वक पूजन किया, परिक्रमा लगाई और कच्चा सूत लपेटा.

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PRAYAGRAJ: अखंड सौभाग्य की कामना और परिवार की सुख-समृद्धि के लिए महिलाओं ने वट सावित्री व्रत रखा. निर्जला व्रत रखकर वट वृक्ष का विधि-विधान पूर्वक पूजन किया, परिक्रमा लगाई और कच्चा सूत लपेटा.

घाटों पर रही स्नानार्थियों की भीड़

ज्येष्ठ कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी शनिवार से वट सावित्री व्रत आरंभ हो गया था. मुख्य व्रत सोमवार को अमावस्या तिथि पर पड़ा. व्रती महिलाएं परिवार के सदस्यों के साथ संगम, गंगा व यमुना में स्नान करने गई. गंगा के अक्षयवट घाट, रामघाट, दारागंज, सलोरी व फाफामऊ घाट पर स्नान हुआ. वहीं यमुना में स्नान करने के लिए गऊघाट, बलुआघाट, कीडगंज में बने घाटों में स्नार्थियों की भीड़ रही. स्नान के बाद सूर्यदेव को अ‌र्घ्य देकर पूजन किया. पूजन के बाद महिलाओं ने वट सावित्री व्रत कथा का पाठ किया. महिलाओं ने वट वृक्ष की 11, 21 व 51 बार कच्चा सूत लपेटते हुए परिक्रमा की.