- आरआरसी एग्जाम के आंसर की से मैच नहीं हुए सॉल्वर गैंग के पास से मिले आंसर की

- फर्जी आंसर की को असली बताकर कर रहे थे वसूली

ALLAHABAD: बगैर मेहनत और शॉर्टकट से सक्सेस व नौकरी पाने का सपना देखने वालों के लिए ये सबक है कि शार्ट कट का दावा करने वालों पर आंख बंद कर विश्वास न करें। वरना धोखा ही धोखा मिलेगा। क्योंकि फ्रॉडगिरी के खेल में भी फ्रॉड करने वाले सक्रिय हो गए हैं। ऐसे ही गैंग के सदस्य संडे को एसटीएफ टीम के हत्थे चढ़ गए। आरआरसी के ग्रुप डी एग्जाम में बैठने वाले कैंडिडेट्स को एग्जाम शुरू होने से पहले असली आंसर की देने का दावा कर पैसा तो ले लिया, लेकिन उन्हें फर्जी सॉल्व पेपर पकड़ा दिया।

गिरोह सक्रिय

रेलवे के साथ ही अन्य एग्जाम के पेपर आउट होने के कई मामले सामने आने और इस तरह के गिरोह सक्रिय होने का फायदा अब शार्ट कट के थ्रू पैसा कमाने की इच्छा रखने वाले भी उठाने लगे हैं। जिसमें ज्यादातर यूथ शामिल हैं। जिन्हें पता है कि सपनों का सौदा किस तरह किया जा सकता है। इसलिए, इस तरह की फ्राडगिरी करने वालों से सावधान रहें। शार्ट कट के चक्कर में न पड़ें।

आरआरसी का पेपर नहीं हुआ आउट

आरआरसी के सॉल्व पेपर के साथ संडे को सिविल लाइन चौराहे से जिन चार लड़कों को पकड़ा गया था, उनके पास से मिले सॉल्व पेपर फर्जी हैं। रेलवे के अधिकारियों का कहना है कि एसटीएफ ने जो पेपर बरामद किया है, वह आरआरसी ग्रुप डी एग्जाम में आए क्वैश्चन पेपर से बिल्कुल मैच नहीं कर रहा है।

जो आंसर की चार लड़कों के पास से मिले हैं, वो आंसर की फर्जी हैं। इस मामले की जांच कर रहे एसटीएफ के अधिकारियों का कहना है कि आंसर की में मिले आंसर गलत क्वैश्चन के गलत आंसर हैं। जो कहीं से आरआरसी के आंसर की से मैच नहीं खाते हैं।

संजीव कुमार

चेयरमैन

रेलवे रिक्रूटमेंट सेल