- चलो मन गंगा जमुना तीर में गीत-संगीत व भजनों की मनमोहक प्रस्तुति

ALLAHABAD: संगम किनारे बनाए गए चलो मन गंगा यमुना के तीरपंडाल में मौनी अमावस्या के अवसर पर गीत-संगीत व भजनों की मनमोहक प्रस्तुति हुई। भजनों के बीच उत्तराखंड, नागालैंड एवं मध्य प्रदेश के लोकनृत्यों की भी प्रस्तुति हुई। उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र इलाहाबाद की ओर से आयोजित क्ख् दिवसीय सांस्कृतिक कार्यक्रम के आठवें दिन बलिया से आए अनिल मिश्र के भोजपुरी गीतों को लोगों ने बहुत पसंद किया। अनिल मिश्रा ने मां गंगा को समर्पित गीत केकरा पर हो जाला गंगा मईया जी के दाया तथा माता-पिता को समर्पित गीत दूनों के सेवा अस केवनो काम नईखे, माई-बाप से बढ़के कवनो धाम नईखे सुनाया।

कुमाऊंनी नृत्य की मनमोहक प्रस्तुति

इलाहाबाद की चित्रा चौरसिया ने जहां भजन सुनाया, वहीं उत्तराखंड से आई विमला बोरा एवं उनके दल द्वारा कुमाऊंनी नृत्य एवं छपेली नृत्य की प्रस्तुति की गई। नागालैंड से आए कलाकारों ने युद्ध कला पर आधारित लोकनृत्य की प्रस्तुति दी। इलाहाबाद की गायिका इशरत जहां का नमिया की डारी मईया डाले ली असनवा और गंगा मईया अईली तोहरी दुअरिया देवी भजन सुन श्रद्धालुमंत्रमुग्ध हो गए।