- डायल-100 वाहन चलाने के लिए लिया गया था 82 कांस्टेबल का टेस्ट

- री-एग्जाम में पांच हुए पास, गुस्साए एसएसपी ने बाकियों को किया लाइन हाजिर

GORAKHPUR: प्रदेश सरकार की बहु-प्रशिक्षित डायल-100 योजना शुरू होने के पहले ही गोरखपुर में धराशायी होने लगी है। जिले में पुलिस को मिले सौ नंबर के वाहन चलाने वाले ड्राइवर ही नहीं है। थानों से चयन करके भेजे गए ड्राइवर गाड़ी चलाने की परीक्षा में फेल हो गए। एक साथ सभी सिपाहियों के फेल होने से महकमे में हड़कंप मच गया। फेल होने वाले सभी सिपाहियों को एसएसपी ने लाइन हाजिर कर दिया। जिले के हर थाने के कम से चार-सिपाही प्रभावित हुए हैं। सिपाहियों के लाइन हाजिर होने को लेकर दिनभर चर्चा बनी रही।

82 का किया था चयन

दो अक्टूबर से पूरे प्रदेश में पुलिस की डायल-100 योजना शुरू हो जाएगी। सौ नंबर पर मिलने वाली सूचना का संचालन लखनऊ के सेंट्रल कंट्रोल रूम से होगा। इसके लिए गवर्नमेंट की तरफ से प्रदेश के सभी जिलों को लग्जरी गाडि़यां दी जा रही है। इन गाडि़यों से अपने-अपने इलाके में पुलिस तीन शिफ्टों में गश्त करेगी। हर जिले में गाडि़यों को चलाने, उन पर तैनात होने वाले पुलिस कर्मचारियों की सूची डीजीपी हेडक्वार्टर से मांगी गई थी। गोरखपुर को डायल-00 के लिए 56 वाहन मिलेंगे। उनको चलाने के लिए 82 कांस्टेबल चयनित किए गए थे।

ले लिया एक्शन

डायल-100 की गाड़ी चलाने के लिए चयनित कांस्टेबल की परीक्षा पीएसी ग्राउंड में कराई गई। पुलिस से जुड़े लोगों का कहना है कि छह सितंबर को हुए एग्जाम में सभी चयनित कांस्टेबल फेल हो गए। इससे इंतजाम का गणित गड़बड़ा गया। रिजल्ट सामने आने पर पुलिस अधिकारी भी हैरत में पड़ गए। फिर से नौ सितंबर को एग्जाम कराया जिसमें सिर्फ पांच कांस्टेबल पास हुए। जांच-पड़ताल में सामने आया कि चयनित कांस्टेबल की सूची मनमानी तरीके से बनाई गई थी। कभी-कभार थानेदार की गाड़ी चलाने वाले सिपाहियों का नाम सूची में भेज दिया गया जिससे ज्यादातर सिपाही फेल हो गए।

विशेष ड्यूटी के लिए लाइन हाजिर

एक साथ बड़ी संख्या कांस्टेबल ड्राइवर के रूप में चयनित सिपाहियों के फेल होने से अधिकारियों के माथे पर बल पड़ गया। जांच-पड़ताल में पता लगा कि जान-बूझकर सिपाही फेल हुए हैं। रविवार की शाम फेल होने वाले सिपाहियों पर गाज गिर गई। उनको विशेष ड्यूटी के नाम पर लाइन में हाजिर कराने का आदेश एसएसपी ने दिया। जिले से बाहर तबादला होने के बावजूद थानों पर जमे सिपाहियों को हटाने के लिए भी कहा। एसएसपी के तेवर से पुलिस कर्मचारी सकते में आ गए हैं।