ममता बनर्जी मंगलवार को दिल्ली पहुँचते ही समाजवादी पार्टी अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव से मिलीं थीं। इस मुलाकात से साफ संकेत गया कि राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के नाम पर फैसला करने से पहले संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन यानी यूपीए और सोनिया गांधी को ममता की राय को गंभीरता से लेना होगा।

कांग्रेस स्पष्ट कर चुकी है कि राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के नाम पर फैसला सोनिया गांधी को ही करना है। ऐसा भी बताया जा रहा है कि राष्ट्रपति पद के लिए यूपीए के उम्मीदवार की घोषणा प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के 23 जून से शुरू हो रहे मैक्सिको और ब्राजील के दौरे के बाद ही होने की संभावना है।

ममता ऐसे समय में दिल्ली पहुंची हैं जब कहा जा रहा है कि कांग्रेस की ओर से प्रणब मुखर्जी का नाम राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के रुप में तय किया जा चुका है। लेकिन पहले मीरा कुमार, गोपाल गांधी और एपीजे अब्दुल कलाम को अपनी पसंद बता चुकीं ममता बनर्जी कह चुकी हैं कि वह किसी थोपे हुए उम्मीदवार को स्वीकार नहीं करेंगीं। इस लिहाज से सोनिया के साथ होने वाली बैठक काफी अहम है।

अधिसूचना 16 को

मुख्य चुनाव आयुक्त वीएस संपत ने मंगलवार को राष्ट्रपति चुनाव का कार्यक्रम घोषित कर दिया है। इसके अनुसार 16 जून को राष्ट्रपति चुनाव की अधिसूचना जारी होगी और 30 जून तक नामांकन दाखिल किए जा सकेंगे। नवनियुक्त मुख्य चुनाव आयुक्त ने पहली प्रेस कॉन्फ़्रेंस में कहा कि अगर आवश्यकता हुई तो 19 जुलाई को मतदान होगा और 22 जुलाई को मतगणना होगी।

राष्ट्रपति चुनाव का ये कार्यक्रम उपराष्ट्रपति चुनाव पर भी लागू होगा।

जसवंत सिंह का नाम

दूसरी ओर भाजपा के वरिष्ठ नेता जसवंत सिंह ने मुलायम सिंह यादव से मुलाक़ात करके नई तरह की अटकलों को जन्म दिया है। मीडिया ने पार्टी सूत्रों के हवाले से खबर दी है कि जसवंत सिंह उपराष्ट्रपति पद की दावेदारी करने जा रहे हैं और इसके लिए वे लॉबिंग कर रहे हैं।

कहा गया है कि भाजपा ने जसवंत सिंह को अभी अधिकृत उम्मीदवार घोषित नहीं किया है लेकिन सूत्रों का कहना है कि यदि राजनीतिक माहौल सकारात्मक दिखता है तो भाजपा उन्हें अधिकृत उम्मीदवार घोषित कर देगी। जसवंत सिंह के नाम पर कांग्रेस को आपत्ति नहीं है, ऐसी ख़बरें हैं। ऐसे में राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति का चुनाव निर्विरोध हो सकता है।

International News inextlive from World News Desk