अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने जांच कमेटी का किया गठन, कमेटी करेगी नामों की स्क्रीनिंग

ALLAHABAD: अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद की ओर से अब तक दो बार फर्जी बाबाओं की लिस्ट जारी की जा चुकी है। दोनों में कुल मिलाकर देशभर के 17 बाबाओं को फर्जी घोषित किया गया है। लेकिन यह सिलसिला अभी रुकने वाला नहीं है। परिषद ने देश के बीस और ऐसे बाबाओं का नाम ढूंढा है जिनकी गतिविधियां संदेह के दायरे में हैं। इसके लिए परिषद के अध्यक्ष महंत नरेन्द्र गिरि ने सात सदस्यीय जांच कमेटी गठित की है। कमेटी उन बीस नामों की स्क्रीनिंग करेगी और उसके बाद जो नाम सामने आएंगे उसकी लिस्ट भी माघ मेले के दौरान जारी की जाएगी।

बीस दिन में कमेटी सौंपेगी रिपोर्ट

अखाड़ा परिषद की बैठक के दौरान ही अध्यक्ष महंत नरेन्द्र गिरि ने जांच कमेटी गठित करने का निर्णय लिया। इसे सभी महंतों ने स्वीकृति प्रदान की। कमेटी के सदस्यों के नाम सुरक्षा कारणों से गोपनीय रखे गए हैं। सदस्यों को संदेहास्पद नामों की सत्यता जांचने के लिए बीस दिन का समय दिया गया है।

बैठक के दौरान पंद्रह से बीस ऐसे लोगों के नाम परिषद के सदस्यों ने रखे जिनके साधु या संन्यासी होने पर संदेह है। इसलिए एक जांच कमेटी का गठन किया गया है। जो ऐसे लोगों की स्क्रीनिंग करने का काम करेगी। स्क्रीनिंग के बाद जनवरी के अंतिम सप्ताह में तीसरी लिस्ट जारी की जाएगी।

-महंत नरेन्द्र गिरि, अध्यक्ष अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद

बैठक में यह प्रस्ताव हुए पारित

-कुंभ मेला आने में केवल दस महीने का समय शेष रह गया है। इसलिए सीएम योगी आदित्यनाथ कमिश्नर को निर्देश देकर अखाड़ों का स्थायी कार्य तत्काल प्रारंभ कराएं।

- जिन अखाड़ों ने निर्माण कार्य करने के लिए नक्शा बनवाकर प्रशासन को दिया है उनको तत्काल सरकार द्वारा पास करके निर्माण कार्य प्रारंभ कराया जाए।

- जिन अखाड़ों के पास जमीन नहीं है उनको जहां पर मंदिरों से संबंधित जमीनें है या भूमाफिया द्वारा सरकार की जमीन पर अवैध कब्जा किया गया है उसे सरकार निरीक्षण करवाकर जमीन अखाड़ों को दिलवाए।

- कुंभ मेला विकास प्राधिकरण के अलावा संतों की निगरानी में कमेटी बनाई जाए। इसका अध्यक्ष अखाड़ा परिषद का अध्यक्ष व महामंत्री पदेन होगा। प्रत्येक अखाड़े से एक-एक सदस्य, प्रयागवाल सभा के पदेन अध्यक्ष, दंडी स्वामी के पदेन अध्यक्ष, आचार्य बाड़ा के पदेन अध्यक्ष व खाक चौक के पदेन अध्यक्ष को सदस्य बनाया जाए।

-आने वाले कुंभ मेला में अखाड़ों के साथ-साथ उनके महामंडलेश्वरों की जमीन भी उनके पास आवंटित की जाए। क्योंकि कुंभ 2013 में इस विषय पर बहुत विवाद हुआ था।

मठ में पहुंचे अधिकारी

अखाड़ा परिषद की बैठक समाप्त होने के बाद जिला प्रशासन के आला अधिकारी संत-महात्माओं का आशीर्वाद लेने पहुंचे तो चर्चा उड़ी कि ज्योतिष्पीठ विवाद को लेकर बातचीत की जाएगी। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। कमिश्नर डॉ। आशीष कुमार गोयल, कुंभ मेला अधिकारी विजय किरन आनंद, जिलाधिकारी सुहास एलवाई व मेलाधिकारी राजीव कुमार राय ने संतों से आशीर्वाद लिया।